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युवा देश की आन बान और शान होते हैं : डॉ राठौर

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2019 के अवसर  पर युवाओं को देश के बेहतर भविष्य एवं राष्ट्र निर्माण के लिए संदेश देते हुए शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में पदस्थ अतिथि विद्वान डॉ रामजी दास राठौर ने बताया कि इंटरनेशनल युथ डे थीम 2019 UN द्वारा  “Safe Spaces for Youth”  (युवाओं के लिए सुरक्षित स्थान) रखी गई है | इस दिवस पर सरकार का उद्देश्य होना चाहिए कि हम अपने युवाओं को देश में बेहतर एवं सुरक्षित भविष्य उपलब्ध करा सकें! अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस ’12 अगस्त’ को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। किसी भी देश का युवा उस देश के विकास का सशक्त आधार होता है, लेकिन जब यही युवा अपने सामाजिक और राजनैतिक जिम्मेदारियों को भूलकर विलासिता के कार्यों में अपना समय नष्ट करता है, तब देश बर्बादी की ओर अग्रसर होने लगता है। पहली बार सन 2000 में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया था। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य है कि सरकार युवाओं के मुद्दों और उनकी बातों पर ध्यान दे। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन 1985 ई. को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया। पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। अपने देश में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं। हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है। आवश्यकता है आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की, उनमे अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा एवं प्रोद्यौगिक विशेषज्ञ बनाने की, उन्हें बुरी आदतों जैसे- कामचोरी  अनुशासनहीनता ,नशा, जुआ, हिंसा इत्यादि से बचाने की। क्योंकि चरित्र निर्माण ही समाज एवं देश की उन्नति के लिए परम आवश्यक है। भटका हुआ युवा न तो अपना भला कर सकता है, न समाज का और न ही अपने देश का। देश के निर्माण,उन्नति एवं देश को विश्व के विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा करने के लिए युवा वर्ग को ही मेधावी, श्रमशील, देश भक्त और समाज सेवा की भावना से ओत -प्रोत होना होगा।आज के युवा वर्ग को अपने विद्यार्थी जीवन में अध्ययनशील, संयमी, चरित्र निर्माण के लिए आत्मानुशासन लाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के प्रयास करने चाहिए। जिसके लिए समय का सदुपयोग आवश्यक है। महाविद्यालय  को मस्ती की पाठशाला समझ कर समय गंवाने वाले युवा स्वयं अपने साथ अन्याय करते हैं, जिसकी भारी कीमत जीवन भर चुकानी पड़ती है। बिना शिक्षा के कोई भी युवा अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने में अक्षम रहता है। चाहे उसके पास अपने पूर्वजों का बना बनाया, स्थापित कारोबार ही क्यों न हो। या वह किसी राजनयिक या प्रशासनिक अधिकारी की संतान ही क्यों न हो। इसी प्रकार बिना शिक्षा के जीवन में कोई भी कार्य, व्यापार, व्यवसाय उन्नति नहीं कर सकता। यदि कोई युवा अपने विद्यार्थी जीवन के समय का सदुपयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है तो मनोरंजन के लिए पूरे जीवन में भरपूर अवसर मिलते हैं। वर्तमान समय में युवा विद्यार्थियों को रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए, अर्थात् प्रोद्यौगिकी से सम्बंधित विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करनी चाहिए। जो देश की उन्नति में योगदान देने के साथ-साथ रोजगार की असीम संभावनाएं दिलाती है। अतः हमें हमारे देश के युवाओं का मार्गदर्शन इस प्रकार से करना चाहिए कि हम उनको एक बेहतर एवं सुरक्षित भविष्य दे सकें जिससे उन्हें अपने जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े!

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