मंथन न्यूज नई दिल्ली. ईवीएम में गड़बड़ियों के आरोपों पर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को ऑल पार्टी मीटिंग की। इसमें 7 नेशनल और 49 स्टेट लेवल पार्टियां शामिल हुईं। इस दौरान आयोग के एक अफसर ने ईवीएम के सिक्युरिटी फीचर्स को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया। आयोग का कहना है कि हम पार्टियों को भरोसा दिलाएंगे कि ईवीएम पूरी टेम्पर प्रूफ हैं। दिल्ली के बीजेपी-अकाली विधायक मनजिंदर सिंह ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ने दो दिन बाद गड़बड़ी का आरोप साबित करने की चुनौती दी है। आप का दावा- चुनाव आयोग की ईवीएम कर सकते हैं हैक…
– मीटिंग में जाते वक्त आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, “हम इलेक्शन कमीशन को कोई चुनौती नहीं देना चाहते। हम तो सिर्फ उन सवालों के जवाब चाहते हैं, जो लोग जानना चाहते हैं।”
– जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, “प्रेजेंटेशन चल रहा है। इसके लिए आईआईटी के एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है।”
– इससे पहले गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग को चुनौती दी कि हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में से कोई एक मशीन अगर मुहैया कराई जाए तो पार्टी के एक्सपर्ट्स उसे हैक करने के अपने आरोपों को सही साबित करके दिखा देंगे।
– आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वे मांग करेंगे कि इलेक्शन कमीशन की निगरानी में एक ज्वाइंट कमेटी बनाए जिसमें सभी पार्टी के नुमाइंदे हो, चुनाव आयोग के एक्सपर्ट्स हों। हमारे टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीम उस कमेटी को यह दिखा देगी कि कैसे पिछले चुनाव में धांधली हुई थी।
आप ने किया चुनाव आयोग के बाहर प्रोटेस्ट
– ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर गुरुवार को आप वर्कर्स ने इलेक्शन कमीशन के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। पार्टी ने कमीशन से हैकाथन की तारीख जल्द तय करने की मांग की।
– आप नेता गोपाल राय समेत अन्य ने ईसी के दफ्तर में जाकर मेमोरेंडम सौंपा, जिसमें 3 मांग की गई हैं। पहली यह कि शुक्रवार को कमीशन ने जो ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है, उसी में हैकाथन की तारीख तय की जाए। दूसरी- हमें आयोग की मशीन दी जाए जिसे हमारे एक्सपर्ट्स हैक करके दिखाएंगे। तीसरी मांग है कि चुनाव के बाद 25% EVM के नतीजों का मिलान VVPAT से निकली पर्ची से कराया जाए। इसके बाद नतीजे घोषित किए जाएं।
पहली बार असेंबली में EVM का डेमो
– 9 अप्रैल को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने EVM जैसी दिखने मशीन को हैक करने का डेमो दिया। विधायक सौरभ भारद्वाज इस मशीन को लेकर आए थे।
– उन्होंने कोड के जरिए बीजेपी को वोट ट्रांसफर करके दिखाए। दावा किया कि असली ईवीएम भी ऐसे ही हैक होती हैं। भारद्वाज का दावा है कि 90 सेकंड में मशीन का मदरबोर्ड बदलकर उससे छेड़छाड़ मुमकिन है। ईवीएम का डेमो दिखाने के लिए आप ने जीएसटी पास करने को बुलाए विधानसभा के स्पेशल सेशन का इस्तेमाल किया।
– इलेक्शन कमीशन ने आप के डेमो में किए दावों को सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि EVM का मदरबोर्ड आम आदमी खोल नहीं सकता। जिस मशीन का डेमो दिखाया, वह प्रोग्राम्ड थी। ऐसे नकली गैजेट पर किए कथित डेमो के बहाने लोगों को ईवीएम के खिलाफ नहीं बहका सकते।
ईवीएम पर ताजा विवाद कब शुरू हुआ?
– पांच राज्यों में वोटिंग के लिए EVM के इस्तेमाल पर मायावती, हरीश रावत, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं ने सवाल उठाए। इन राज्यों में से यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी को भारी बहुमत मिला है।
– EVM विवाद के बाद इलेक्शन कमीशन ने कहा था- मशीन को दो बार चेक किया जाता है। उसे कैंडिडेट के सामने जांचा और सील किया जाता है। काउंटिंग से पहले भी ईवीएम को कैंडिडेट्स के सामने खोला जाता है।
– बता दें कि 1980 में इलेक्शन कमीशन ने राजनीतिक दलों को EVM दिखाया था। लेकिन 24 साल बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में इसका पूरे देश में इस्तेमाल शुरू हो सका। आज तक कोई भी इलेक्शन कमीशन को EVM में हैकिंग के पुख्ता सबूत नहीं दे पाया।
मशीनों की चेकिंग में आई थी गड़बड़ी
– पिछले महीने मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाई इलेक्शन से पहले VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की चेकिंग के दौरान ईवीएम के दो अलग-अलग बटन दबाने पर कथित तौर पर कमल का फूल प्रिंट हुआ। जिसके बाद केजरीवाल ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और एमसीडी चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की।
– कुछ दिन पहले दिल्ली नगर निगमों के चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आप और कांग्रेस ने मशीनों पर फिर से सवाल उठाए। AAP पार्टी के नेताओं ने कहा कि ये मोदी नहीं, ईवीएम लहर है। लेकिन बाद में कुछ नेताओं ने माना कि हार के लिए पूरी तरह से EVMs को दोष देना सही नहीं, AAP अपनी कमियां भी तलाशे।
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