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नर्मदा को भी मिलेगा जीवित नदी का दर्जा, गंदगी की तो इंसानों वाले एक्ट में कार्रवाई

मंथन न्यूजभोपाल.    गंगा के बाद अब नर्मदा को देश की दूसरी जीवित नदी (living entity) का दर्जा मिलेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को नर्मदा सेवा यात्रा में इसका एलान किया। यह दर्जा मिलने के बाद अगर कोई इस नदी को नुकसान पहुंचाएगा तो उस पर उन्हीं एक्ट में कार्रवाई होगी, जो इंसानों को नुकसान पहुंचाने पर लगाई जाती हैं। देश की दोनों नदियों से पहले न्यूजीलैंड की संसद भी वहां की एक नदी को ये दर्जा दे चुकी है। नर्मदा के साथ जिंदगी सूख जाएगी…
 
– शिवराज ने कहा, ”नर्मदा मैया के तट पर कहता हूं कि हम नर्मदा को जीवित ईकाई मानेंगे। आइए संकल्प लें कि हम मैया को प्रदूषित नहीं होने देंगे। ऐसा करने वालों के खिलाफ इंसानों को नुकसान पहुंचाने जैसा अपराध माना जाएगा। अगर नर्मदा सूख गई, तो हमारी ज़िंदगी सूख जाएगी।”
– मंडला में सेवा यात्रा के 127वें दिन होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, ”हम नदियों को मां मानते हैं। जल-जीव-जलाशय सबको बचाना हमारा कर्तव्य है। नर्मदा यात्रा इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। 2020 तक नदियों को साफ करना हमारा टारगेट है।”
– स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा, ”गंगा का अवतरण त्रेता युग और नर्मदा का अविर्भाव सतयुग में हुआ। नर्मदा परिक्रमा में सभी तीर्थों का फल मिलता है। साल में एक बार गंगा खुद नर्मदा में स्नान के लिए आती है। गंगा की तरह नर्मदा जल भी औषधीय गुणों से भरपूर है।”
 
गंगा देश की पहली जीवित नदी
– पिछले महीने ही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा था- ”गंगा नदी देश की पहली जीवित नदी (living entity) है और इसे वे सारे हक मिलने चाहिए जो किसी इंसान को मिलते हैं। गंगा को धर्मग्रंथों में सबसे पवित्र नदी का दर्जा दिया गया है। इसलिए हम इसे जिंदा नदी के तौर पर देख रहे हैं।” 
 
दुनिया में और कहां हुई इस तरह की कोशिशें
 
1) न्यूजीलैंड
– न्यूजीलैंड की पार्लियामेंट ने भी देश की हेंगनुई नदी को बचाने के लिए उसे living entity का दर्जा दिया है। यह नदी 145 किलोमीटर लंबी है। हेंगनुई नदी living entity का दर्जा पाने वाली दुनिया की पहली नदी थी।
 
2) इक्वाडोर
– यह ऐसा पहला देश था जहां के कॉन्स्टीट्यूशन में राइट्स ऑफ नेचर को शामिल किया गया था। इसके लिए सितंबर 2008 में वहां रेफरेंडम भी कराया गया था।
 
3) भारत
– उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा को जीवित नदी करार दिया है। पिछली सुनवाई में इसी कोर्ट ने गंगा किनारे 150 कमर्शियल इस्टैब्लिशमेंट बंद करने को कहा था। नदी के 500 मीटर के दायरे में यूरिनेट करने वाले या गंदगी फैलाने पर 5000 रुपए जुर्माना लगाने को भी कहा था।

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