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शहरी गरीबों को आवास देने का काम मप्र में बेहद सुस्त

 मथन न्यूज़ भोपाल। शहरी गरीबों और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को मकान देने की केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं का काम मध्यप्रदेश में बेहद सुस्त गति से चल रहा है। आलम यह है कि तीन योजनाओं में पिछले तीन साल में प्रदेश में सिर्फ 18 हजार मकान बने हैं, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या पचास हजार तक पहुंच चुकी है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक पूरे देश को स्लम फ्री करना चाहते हैं। इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य तरीकों से भी वित्तीय सहायता देकर गरीबों के मकान बनाने में राज्य सरकारों को मदद दी रही है।
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के एक सवाल के जवाब मंे पांच अप्रैल को संसद में वर्ष 2013 से 2016 तक जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम), राजीव आवास योजना (आरएवाई) और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) में हुए कार्यों की रिपोर्ट दी गई।
इसमें बताया गया कि मप्र में राजीव आवास योजना के तहत कोई कार्य नहीं हुआ, जबकि वहीं पीएमएवाई-यू में भी सबसे कम काम हुआ है। सबसे ज्यादा मकान जेएनएनयूआरएम के तहत ही बने, हालांकि उनकी संख्या भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है।
पिछले तीन सालों में तीनों योजनाओं में बने मकान pradhan mantri awas yojana 19 04 2017
योजना—— संख्या
जेएनएनयूआरएम——18,168
आरएवाई——00
पीएमएवाई(यू) ——361
(आकड़े आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के अनुसार)
तीनों योजनाओं में टॉप पांच राज्य जहां सबसे ज्यादा मकान बने
राज्य—-संख्या
महाराष्ट्र—-51,160
तमिलनाडू —-46,822
पश्चिम बंगाल—-43,083
गुजरात—-30,684
राजस्थान—-30,982

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