Breaking News

प्रदूषण नियंत्रक इंतजाम पर ही अस्पतालों को मिलेगी मान्यता

hospital 201749 22190 09 04 2017पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ भोपाल –अस्पतालों से निकलने वाले ब्लड, मवाद, केमिकल्स व अन्य संक्रमित तरल चीजों को संक्रमण मुक्त किए बिना अस्पताल चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके अलावा वायु प्रदूषण के निपटान के इंतजाम भी जरूरी होंगे।

केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के 2016 के नियमों में लिक्विड वेस्ट और वायु प्रदूषण के निपटान के इंतजाम करना अनिवार्य कर दिया है। मप्र के ज्यादातर सरकारी और निजी अस्पतालों में यह व्यवस्था नहीं होने से मप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मान्यता (अथराइजेशन) लेने में दिक्कत आ रही है।
केन्द्र द्वारा तैयार नियमों का इस साल से पालन अनिवार्य कर दिया गया है। इससे सरकारी अस्पतालों की मान्यता लेने में मुश्किल आ रही है। लिक्विड वेस्ट और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में इतना जल्दी कोई इंतजाम नहीं किए जा सकते।
वजह, अस्पताल बड़े होने के चलते खर्च ज्यादा आएगा। साथ ही समय भी लगेगा। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी)के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसका रास्ता निकालने के लिए कहा है।
पांच साल में सभी जिला अस्पतालों में लग जाएंगे एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट
पीसीबी और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि पांच साल के भीतर सभी जिला अस्पतालों में लिक्विड वेस्ट के निपटान के लिए एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी)लगाए जाएंगे। हर साल 10 जिला अस्पतालों में ईटीपी लगाए जाएंगे।
एक जगह ईटीपी लगाने में 10 से 25 लाख रुपए तक का खर्च आएगा। अस्पतालों की बिल्डिंग की साइज के अनुसार ईटीपी बनाने में लागत आएगी। पीसीबी के अफसरों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को यह लिखित में वादा करना होगा कि पांच साल के भीतर हर जगह ईटीपी लग जाएंगे। इसी तरह से 15 केवी से ज्यादा क्षमता वाले जनरेटर्स होने पर वायु प्रदूष्ाण से निपटने के इंतजाम भी करना होगा। इस आधार पर वे मान्यता दे सकते हैं।
बिल्डिंग की लागत के अनुसार लगेगी अथराइजेशन फीस 
अभी तक सरकारी और निजी अस्पतालों से अथराइजेशन के लिए पीसीबी प्रति बेड के हिसाब से अथराइजेशन चार्ज लेता था। प्रदेश भर के अस्पतालों के लिए करीब 28 लाख रुपए अथराइजेशन फीस लग रही थी। नए नियमों में लिक्विड वेस्ट की अथराइजेशन फीस अस्पताल बिल्डिंग की लागत के अनुसार तय होगी।
बजट होने के बाद भी नहीं बने ईटीपी 
पिछले साल भोपाल के जेपी अस्पताल समेत प्रदेश के 10 बड़े जिला अस्पतालों में ईटीपी लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए ढाई करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया था। बाद में यह तय किया गया कि ईटीपी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट से नहीं राज्य सरकार के बजट से बनाया जाएगा। लिहाजा, इस राशि का उपयोग दूसरे कामों में किया गया।
इनका कहना है
लिक्विड वेस्ट और बड़े जनरेटर से होने वाले प्रदूषण को भी अथराइजेशन के लिए पीसीबी ने जरूरी किया है। अस्पतालों में ईटीपी लगाए जाएंगे। तब तक के लिए पीसीबी से बात कर कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। 
डॉ. केके ठस्सू संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं

Check Also

MP News: कर्मचारियों को 3% डीए में बढ़ोतरी! 4 माह का एरियर भी देने की तैयारी, जल्द हो सकती है घोषणा

🔊 Listen to this मध्यप्रदेश सरकार अपने 7.5 लाख कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने जा …