पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ लखनऊ –मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी शपथ लेने के पांचवें दिन ही हजरतगंज कोतवाली का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां हड़कंप मच गया। सीएम ने कोतवाली कार्यालय में डीजीपी जावीद अहमद से पूछा कि मुकदमा दर्ज के बाद कितने दिनों में कार्रवाई होती है।
इस पर डीजीपी ने 90 दिन में विवेचना पूरी होने व मामले की गंभीरता के हिसाब से कार्रवाई की बात कही। उन्होंने अधिकारियों से पीड़ितों की थानों में सुनवाई के साथ शत-प्रतिशत एफआईआर दर्ज होने पर जोर दिया।
गुरुवार सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर सीएम ने कोतवाली में प्रवेश किया। वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरों से हवाइयां उड़ी हुई थीं। सभी आवभगत का प्रयास करते रहे, लेकिन सीएम ने कोतवाली में एक ग्लास पानी तक नहीं पीया।
तीस मिनट तक परिसर में स्थित एएसपी पूर्वी कार्यालय, साइबर क्राइम सेल, क्राइम ब्रांच, महिला थाने समेत सभी जगह का बारीकी से निरीक्षण कर रवाना हो गए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में अब गुंडों और माफिया का राज नहीं होगा।
साथ ही यह भी बताया कि यह पहला और आखिरी दौरा नहीं है। सीएम ने कोतवाली पहुंचकर बिगड़ी कानून-व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया है। कोतवाली कार्यालय (जीडी कक्ष) में पहुंचकर एफआईआर रजिस्टर भी देखा।
कोतवाली में आगे बढ़ने पर महिला थाने के पास खराब पड़ा वाटर कूलर देखकर पीने के पानी की व्यवस्था के संबंध में पूछा। उन्हें कोतवाली में पानी की व्यवस्था न होने की बात बताई गई तो अधिकारियों को फटकार लगाते हुए इसे तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए। कहा कि कोई भी फरियादी आए तो उसे एक ग्लास पानी पिलाएं और बैठाकर पूरी बात सुनें। एफआईआर लिख कार्रवाई करें।
स्वागत कक्ष (रिसेप्शन) में पहुंचते ही सीएम ने अफसरों से पूछा कि यहां कौन बैठता है, जब उन्हें जानकारी हुई तो कहा कि ऐसा होता है स्वागत कक्ष। दो कुर्सियां टूटी पड़ी थी, चार सही थीं, लेकिन उन पर पुलिसकर्मी ही डटे रहते हैं।
सीएम को देखकर ठीक दो मिनट पहले स्वागत कक्ष के अंदर बाथरूम का दरवाजा बंद किया गया था, ताकि सीएम वहां की गंदगी न देख सकें। इस दौरान उनके साथ डीजीपी जावीद अहमद, आईजी जोन ए. सतीश गणेश, डीआईजी रेंज प्रवीण कुमार, एसएसपी मंजिल सैनी, सीओ हजरतगंज अवनीश कुमार मिश्रा समेत कई पुलिस अफसर मौजूद थे।
अब आईजी करेंगे थानों का औचक निरीक्षण
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी गुरुवार को हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण करने गये तो यह पुलिस के उच्चाधिकारियों के लिए प्रतीकात्मक नसीहत भी थी।
डीजीपी जावीद अहमद ने इससे सबक लेते हुए सभी आईजी जोन, डीआईजी रेंज, एसपी-एसएसपी और सीओ तक को फरमान जारी कर दिया कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाले थानों का औचक निरीक्षण करें।
डीजीपी ने पुलिस महकमे में सुधार के लिए भेजे गये परिपत्र में कुछ खास हिदायत दी है। अफसरों को कहा है कि थाना कार्यालय के अभिलेखों का रखरखाव सही तरीके से किया जाए।
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