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विधायक प्रकाश पंत के नाम पर भी सहमति बन सकती है.

उत्तराखंड: सीएम के लिए प्रकाश पंत के नाम पर बन सकती है सहमतिपूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ -उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी चेहरे को थोपने की बजाय सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री का चुनाव करने की कवायद चल रही है. यही वजह है कि जीतकर आए सभी विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक सतपाल महाराज और त्रिवेंद्र रावत के नाम पर सहमति बनाने में मुश्किलें आ रही हैं.
सतपाल महाराज (फाइल फोटो)
बताया जा रहा है कि पिथौरागढ से विधायक प्रकाश पंत के नाम पर भी सहमति बन सकती है. भगत सिंह कोश्यारी के प्रकाश पंत का नाम आगे करने के बाद खंडूरी कैँप ने भी विरोध नहीं किया है. इस बाद भाजपा हाईकमान ने विशेष विमान भेजकर देहरादून से दिल्ली बुला था. इस बीच पूर्व भाजपा अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल को भी देहरादून बुला लिया गया है. बुधवार को दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों से बात करने के लिए देहरादून पहुंच रहे हैँ.
70 विधानसभा सीटों में से भाजपा कोत बंपर 56 सीटे हासिल हुए हैं. इसके साथ ही अब बड़ा सवाल मुख्यमंत्री को लेकर है. भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक तीन लोग सीएम की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. ये तीन नाम हैं सतपाल महाराज, पिथौरागढ़ से विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत और त्रिवेंद्र सिंह रावत.
भाजपा में सीएम पद के लिए अंदर ही अंदर खींचतान चल रही है. दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक, नरेंद्र तोमर और सरोज पांडेय बुधवार को देहरादून पहुंच रहे हैं. वे यहां सीएम के दावेदारों को लेकर विधायकों से रायशुमारी करेंगे. समझा जा रहा है कि इसके पहले आज यानी मंगलवार देर शाम तक दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया जाएगा.
तीन दावेदार: सतपाल महाराज, प्रकाश पंत और त्रिवेंद्र रावत
सीएम पद को लेकर भाजपा में सतपाल महाराज का नाम चर्चा में है. सतपाल महाराज पौड़ी जिले की चौबट्टाखाल से भाजपा उम्मीदवार हैं. भाजपा सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा पिथौरागढ से जीतकर आए प्रकाश पंत के नाम पर भी विचार हो रहा है. प्रकाश पंत, रमेश पोखरियाल निशंक और बीसी खंडूरी के समय विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा त्रिवेंद्र रावत देहरादून जिले की रायपुर सीट से जीतकर आए हैं. त्रिवेंद्र रावत भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य हैं और झारखंड के प्रभारी भी रहे हैँ.
त्रिवेंद्र रावत की भी सीएम पद पर लगी है निगाहें (File Photo) सीएम पद को लेकर दांवपेंच:
बताया जा रहा है कि शतपाल महाराज के नाम पर बहुगुणा कैंप यानी कांग्रेस से भाजपा में विधायक बनकर आए लोग खुश नहीं हैं. इसके अलावा भाजपा में भी सतपाल महाराज के नाम पर पूर्ण सहमति बनती नहीं दिख रही है.
भाजपा से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक खुद को आगे करने के चक्कर में वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने प्रकाश पंत का नाम सुझाया. इस पर बीसी खंडूरी खेमे ने भी विरोध नहीं किया. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हो जाती शह मात का खेल जारी है. जब कुमाऊं से प्रकाश पंत के नाम पर सहमति बनती दिख रही थी तो फिर कुमाऊं से ही बिशन सिहं चुफाल के नाम पर भी चर्चा हुई. चुफाल को सोमवार को दिल्ली तलब किया गया. सूत्रों के मुताबिक चुफाल को प्रकाश पंत के नाम पर उनकी राय जानने के लिए ही दिल्ली बुलाया गया है.
इसके अलावा त्रिवेंद्र रावत का नाम अभी भी दौड़ में है. आरएसएस से रावत के संबंधों के चलते तरजी दी जा रही है.
कुल मिलाकर अगर भाजपा ठाकुर चेहरा बतौर सीएम आगे लाना चाहती है तो सतपाल महाराज और त्रिवेंद्र रावत में से कोई एक बाजी मार सकता है. लेकिन प्रकाश पंत का अनुभव और विनम्रता के चलते सभी बेहतर संबंध उनके पक्ष में जा सकते हैं. एक बात जो पंत के हक में नहीं है वह यह कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और प्रकाश पंत दोनों ही ब्राह्मण हैं और दोनों ही कुमाऊं से हैं. इस पर गढ़वाल और ठाकुर समुदाय में नाराजगी हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक आलाकमान निकट भविष्य में अध्यक्ष पर गढ़वाल से किसी को बैठा सकता है और अजय भट्ट को केंद्र में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. गौरतलब है कि अजय भट्ट रानीखेत में चुनाव हार गए हैं. सीएम पद को लेकर भाजपा में सभी खेमे सक्रिया हैं. बुधवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक देहरादून पहुंच रहे हैं

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