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Exit Polls से संकेत, देश में पहली बार हो सकता है ऐसा

पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ दिल्ली –पांच राज्यों में मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल की मानें तो भाजपा कई राज्यों में अपना परचम लहराने जा रही है। पांच राज्यों में से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में भाजपा की सरकार बनने के साफ संकेत हैं। वहीं मणिपुर में कांग्रेस के साथ इसकी टक्कर है।

अगर मणिपुर में भाजपा और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो दोनों दलों के लिए इन राज्यों में सरकार बनाने का यह पहला मौका होगा।
अगर कांग्रेस मणिपुर के साथ-साथ पंजाब भी गंवाती है, तो फिर यह पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त चुनाव साबित हो सकता है। हां, पंजाब हारने का यह अर्थ होगा कि आम आदमी पार्टी के सामने कांग्रेस पस्त है। अगर यह आकलन पूरी तरह सही साबित हुआ, तो कहा जा सकता है कि भाजपा कम-से-कम 75 फीसद अंक के साथ पास होगी, क्योंकि पंजाब में भाजपा अकाली दल की छोटी सहयोगी के रूप में मैदान में थी।
गुरुवार को जितने भी एग्जिट पोल सामने आए उनमें एक समानता थी। चार राज्यों में भाजपा ही बहुमत की पार्टी थी या फिर सबसे बड़ी पार्टी। सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में कुछ पोल में तो भाजपा के लिए पूर्ण बहुमत से लेकर आंधी तक दिखाया गया है।
वहीं कुछ एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की आशंका भी जताई गई है। लेकिन, उस दशा में भी भाजपा बहुमत के आंकड़े 202 से बहुत दूर नहीं है। यानी यह स्पष्ट दिखा कि सरकार बनाने का दावा करने और सरकार गठन के लिए राज्यपाल की ओर से आमंत्रण पाने का पहला हक भाजपा के पास होगा।
गोवा में सत्ता बरकरार रखना और उत्तराखंड में अंदरूनी बगावत के बावजूद बहुमत से सत्ता हासिल करना भाजपा के भविष्य के मंसूबों को बल देगा। मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत दिलाने में 73 सांसदों के साथ उत्तर प्रदेश का अहम योगदान था। तीन साल बाद फिर से विश्वास जताने का स्पष्ट अर्थ होगा कि प्रदेश की जनता अभी भाजपा को ही बदलाव का साधन मानती है।
उत्तराखंड में कांग्र्रेस भाजपा के हाथों सत्ता गंवाती दिख रही है। मणिपुर में भी अगर यही हुआ तो कांग्र्रेस सीधे तौर पर दो और राज्य गंवा देगी। पंजाब में कांग्रेस के लिए एकमात्र आशा की किरण दिख रही है। कुछ पोल में कांग्र्रेस की सरकार बनती दिखाई गई है, तो कुछ में आप की सरकार। इन दोनों की लड़ाई में 10 साल से सत्ता पर काबिज अकाली दल और भाजपा की जोड़ी हाशिये पर खड़ी दिख रही है।
अगर आम आदमी पार्टी हावी रही तो फिर यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि तीसरी ताकत की मौजूदगी में कांग्र्रेस अपना पैर नहीं जमा पाती है। अगर आप पंजाब हासिल करने में असफल होती है, तो यह उसके लिए बड़ी निराशा होगी, क्योंकि दिल्ली के बाद पहली बार गोवा और पंजाब में इसने खुद को आजमाया है। पोल में गोवा में आप को काफी नीचे दिखाया गया है। लेकिन पंजाब में वह एक ताकत के रूप में उभरेगी।
नतीजों का दूरगामी होगा संदेश
इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों का दूरगामी संदेश होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में अब महज दो साल का वक्त है। उससे पहले इस जनादेश का अर्थ यह होगा कि न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि उनकी ओर से उठाए गए नोटबंदी जैसे कठोर आर्थिक कदमों को भी जनता का पूरा समर्थन है।
सभी पार्टियों पर दिखेगा असर
अगर नतीजे एग्जिट पोल के अनुसार ही आए तो गठबंधन राजनीति, जातिगत समीकरण जैसे विषयों के साथ-साथ भाजपा, कांग्रेस और सपा की अंदरूनी राजनीति भी प्रभावित हो सकती है।
वैसे एग्जिट पोल के दौरान ही सपा के दिग्गज नेता आजम खान ने कह दिया है कि सपा कमजोर हुई तो इसके लिए अखिलेश यादव जिम्मेदार नहीं होंगे। सपा में अंदरखाने पर कांग्रेस से गठबंधन करने जारी रखने पर सवाल उठ सकते हैं। इसका असर केंद्रीय राजनीति पर पड़ सकता है।

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