पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ भोपाल –भोपाल स्टेशन के जिस प्लेटफॉर्म से मंगलवार को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन रवाना हुई थी, उस पर एक भी सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। पिछले एक महीने से स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगे बैग स्कैनर पर यात्रियों के सामान की जांच में भी ढिलाई बरती जा रही थी। आशंका जताई जा रही है कि ट्रेन में सवार होने के लिए संदिग्धों ने स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था में बरती गई ढिलाई का फायदा उठाया है।
इतना ही नहीं, ट्रेन की बोगी में ब्लास्ट की घटना के 5 घंटे बाद तक भोपाल स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर जांच को लेकर सख्ती नहीं बरती गई। यात्रियों को बिना जांच के स्टेशन पर प्रवेश दिया गया।
दोपहर 2 बजे तक यही हालात रहे। जब बाद में एटीएस की एक टीम स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखने पहुंची, तब जाकर आरपीएफ और जीआरपी की टीम सतर्क हुई और स्टेशन पर डॉग स्क्वॉड की टीम ने सर्चिंग शुरू की, लेकिन इस दौरान कुछ नहीं मिला। यहां तक कि एटीएस की टीम को सीसीटीवी फुटेज में भी कुछ नहीं मिला है।
स्टेशन पर 80 सीसीटीवी कैमरे, दोपहर तक बंद थे 6
प्लेटफॉर्म-6 को छोड़कर बाकी प्लेटफॉर्म पर 80 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसमें से 6 घटना के बाद भी दोपहर तक बंद थे, जिन्हें आनन-फानन में चालू कराया गया। घटना के पहले ये कैमरे बंद थे।
भोपाल से इसलिए ट्रेन में संदिग्धों के चढ़ने की संभावना
– प्लेटफॉर्म-6 की तरफ से ट्रेन में चढ़ने पर कोई रोक-टोक नहीं। प्लेटफॉर्म हबीबगंज आउटर से लेकर बीना आउटर तक खुला है।
– सभी प्लेटफॉर्म पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म-6 पर कैमरे नहीं हैं इसलिए ट्रेन में चढ़ने और उतरने वाले यात्री कैमरे के दायरे में नहीं आ सकते।
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