मंथन न्यूज़ भोपाल। खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के साढ़े तीन साल बाद अब प्रदेश सरकार खाद्य आयोग बनाएगी। ये सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी शिकायतों को न सिर्फ सुनेगा, बल्कि सरकार को व्यवस्था में सुधार की सलाह भी देगा। खाद्य विभाग ने आयोग के गठन का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजने की तैयारी कर ली है। आयोग में एक अध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे।
सूत्रों के मुताबिक खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाली शिकायतों के निराकरण के लिए राज्य को खाद्य आयोग का गठन करना था, लेकिन अब तक प्रदेश सरकार ने इसे नहीं बनाया। इसकी जगह राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग को ये जिम्मेदारी सौंप दी थी। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग आयोग के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है।
इसमें एक अध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे। अध्यक्ष किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को बनाया जा सकता है। इसका अंतिम फैसला मुख्यमंत्री करेंगे। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार आयोग को गैर भवन परिसंपत्तियों के लिए एकमुश्त वित्तीय सहायता भी देगी। प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति केसी गुप्ता ने बताया कि आयोग के गठन का प्रस्ताव तैयार हो गया है। सरकार से मंजूरी लेने के बाद आयोग बनाकर नियुक्तियां की जाएंगी।
ये काम करेगा आयोग

– पात्रता होने के बावजूद राशन न मिलने की शिकायत की सुनवाई।
– खाद्यान्न् की गुणवत्ता और मात्रा को लेकर शिकायत की सुनवाई।
– सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के उपाय सुझाना।
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