मंथन न्यूज़ भोपाल –प्रदेश में आईएसआई नेटवर्क के सरगनाओं बलराम, रज्ज्ान और जब्बार को पकड़ चुकी एटीएस अब उनके मददगारों की तलाश में जुटेगी। सूत्रों की मानें तो पूछताछ में इन तीनों एक दर्जन से ज्यादा नाम उगले हैं, जिन पर पूरे रैकेट में अलग-अलग जिम्मेदारी थी। इधर प्रदेश में समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज की अनुमाति संख्या 15 से बढ़कर 30 हो गई है। धरपकड़ का दूसरा दौर जल्द ही शुरू होगा, जिसमें इन्हें पकड़ा जाएगा।
जम्मू से हो सकती है गिरफ्तारी
सूत्रों की मानें तो पुरानी दिल्ली से पकड़े गए जब्बार ने पूछताछ में जम्मू कश्मीर से भी कुछ लोगों के हवाला कारोबार और खुफिया जानकारी भेजने में लिप्त होने की जानकारी दी है। जल्द ही जम्मू से कुछ लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह में
जासूसी नेटवर्क में टेलीफोन कंपनियों के कर्मचारियों के मदद करने की बात सामने आने के बाद बलराम और रज्जन के बैंक खातों में डेढ़ साल में दस करोड़ रुपए जमा होने को लेकर कुछ बैंक कर्मचारियों से भी पूछताछ हो सकती है। क्योंकि बलराम और रज्जन के 250 खाते 28 बैंकों की शाखाओं में थे इनमें भी ज्यादातर निजी बैंको में। ऐसे में इतना पैसा आने और निकालने के बाद भी ध्यान क्यों नहीं दिया गया।
पूनम पुरोहित
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