मंथन न्यूज़ इंदौर –राज्य सरकार ने बंदूक के लाइसेंस देने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब केवल आवेदन करने से ही लाइसेंस देने पर विचार नहीं होगा। यह तभी मिलेगा जब आप बंदूक चलाने की ट्रेनिंग (मान्यता प्राप्त शूटिंग संस्थान से) लेंगे।
साथ ही दिमागी रूप से तंदुरूस्त होने का मेडिकल सर्टिफिकेट भी देना होगा। इस कारण आवेदनों की संख्या भी कम हो गई है। एडीएम अजयदेव शर्मा के मुताबिक फायरिंग की ट्रेनिंग कितने दिन की होगी, यह आदेश में स्पष्ट नहीं है। इसके लिए शासन से अभिमत मांगा गया है।
क्यों किए सख्त नियम
बंदूक के लिए लाईसेंस के लिए नई शर्तों को पूरा करने में अब लोगों के पसीने छूट रहे है। जो नई शर्तें जोड़ी गई है, वे जरुरी भी थी,क्योकि शहर में कई लोग सुरक्षा के बजाए लाइसेंसी शस्त्र रुतबे और रसूख के लिए भी रखते है और उसके लिए अफसरों पर दबाव भी बनाते है। शहर में ऐसे कुछ केस चर्चित केस भी हो चुके है। जिसमें लाइसेंसधारी ने बंदूक से खुद को गोली मारकर जिंदगी समाप्त कर ली। कुछ ऐसे केस भी हुए जिसमें बंदूक सुरक्षित नहीं रखी गई और बच्चों ने उसे चलाकर कोई हादसा कर दिया।
यह है नए नियम
– शस्त्र के लिए आवेदन के साथ अब आवेदन को चिकित्सक का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। उसके लिए मानसिक व शारीरिक जांच भी करना होगी, ताकि यह साबित हो सके कि आवेदन का दिमागी संतुलन ठीक है।
– आवेदक को मान्यता प्राप्त शूटिंग संस्थान से ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत करना होगा।
– शस्त्र को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा, ताकि गलती से बंदूक चलने के कारण हादसे की जिम्मेदारी लाइसेंसधारी पर भी तय हो सके।
पूनम पुरोहित
Manthan News Just another WordPress site