मंथन न्यूज़ जबलपुर  –चुनावी साल आते ही उच्च शिक्षा विभाग भी छात्रों की मांगों के अनुरूप सौगात देने में जुट गया है। मप्र के उच्च शिक्षामंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि 2017-18 में छात्रसंघ चुनाव प्रजातांत्रिक ढंग से होंगे। रोजगार से छात्रों को जोड़ने कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स चलाए जाएंगे। छात्र इसमें तीन साल की डिग्री के साथ-साथ वोकेशनल कोर्स पढ़ पाएंगे।
ये बात उच्च शिक्षा मंत्री ने जबलपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने भर्ती प्रक्रिया शुरू हो रही है। पीएससी के जरिए 2500 पदों के लिए भर्तियां निकलने वाली हैं। पहले स्टेट इलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) हो रहा है। उसके बाद भर्तियां जारी होंगी। रोजगार के अवसर ज्यादा बनें इसके लिए प्रदेश के चिन्हित कॉलेजों में प्लेसमेंट के लिए कैंपस बुलाया जाएगा। जिसमें बड़ी कंपनियां शामिल होंगी।
सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री तक
पवैया ने कहा कि कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स से छात्र एक साल के सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री ले पाएंगे। ये कोर्स यूजी की डिग्री के साथ करवाए जाएंगे। प्रदेश में चित्रकूट यूनिवर्सिटी में इस तरह का कार्यक्रम संचालित हो रहा है। इसी को प्रदेश में लागू किया जा रहा है।
बोली लगाकर नहीं बनाएंगे अध्यक्ष
कॉलेज की जनभागीदारी में एक लाख रुपए देकर जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बनाने के नियम पर उच्च शिक्षा मंत्री ने तंज कसा। कहा एक-एक लाख रुपए की बोली लगाकर किसी को अध्यक्ष नहीं बना सकते। अपने ही विभाग के इस नियम को उन्होंने सही नहीं बताया। कहा जो वाकई कॉलेजों के लिए काम करें, उन्हें ही यह दायित्व दिया जाना चाहिए।
छात्रसंघ चुनाव छग-राजस्थान के जैसे
कॉलेज-विश्वविद्यालय में होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि घोषणा पहले ही हो चुकी है। इसलिए निर्णय बदलने का सवाल ही नहीं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जिस तरीके से छात्रसंघ हुए हैं उसी ढंग से मप्र में भी चुनाव होंगे। 
यूनिवर्सिटी में सेंट्रलाइज्ड वैल्यूएशन
वैल्यूएशन में धांधली रोकने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री यूनिवर्सिटी में सेंट्रलाइज्ड वैल्यूएशन करवाना चाहते हैं। उनके मुताबिक ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी में सेंट्रलाइज्ड वैल्यूएशन हो रहा है। दरअसल घरों में कापियां भेजने से कई कॉलेज वाले कापी ढोने वाली गाड़ियों का पीछा करने लगते हैं। इससे पारदर्शिता नहीं आ सकती। इसलिए यूनिवर्सिटी के भीतर ही वैल्यूएशन होना आवश्यक है।
पूनम पुरोहित
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