मंथन न्यूज़ –भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है क्योंकि यहां दुनिया में सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या है। जम्मू कश्मीर राज्य का अपवाद छोड़ दें तो देश में हर पांच साल में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होते हैं।
आजादी के बाद देश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए 25 जनवरी 1950 को भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना की गई थी। तब से अभी तक चुनाव आयोग कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव करा चुका है। आइए चुनाव आयोग की स्थापना की वर्षगांठ पर आपको बताते हैं भारतीय मतदाताओं, मतदान, व चुनाव आयोग से जुड़े कुछ रोचक तथ्य…
पांच महीने में संपन्न हुआ था पहला चुनाव
– देश का पहला आम चुनाव अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 चला था। इसे संपन्न होने में करीब पांच महीने लगे थे। पहले आम चुनाव में लोकसभा व विधानसभाओंं के लिए साथ में चुनाव हुआ था।
– पहले आम चुनाव में लोकसभा और विधानसभा की कुल 4500 सीटों के वोट डाले गए थे। तब कुल 17.6 करोड़ मतदाताओं का चुनाव आयोग ने पंजीकरण किया था।
– पहले आम चुनाव में 8200 टन स्टील बैलेट बॉक्स बनाने में लगा था, जबकि 2.24 लाख मतदान केंद्र बनाए गए थे।
सुकुमार सेन थे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त
– पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन आईसीएस अधिकारी थे, जो चुनाव आयुक्त बनने से पहले पश्चिम बंगाल में मुख्य सचिव थे।
– दूसरे चुनाव में सुकुमार सेन ने सरकार का 4.5 करोड़ रुपया बचाया क्योंकि उन्होंने पहले चुनाव के 35 लाख बैलेट बॉक्स बचाकर रख लिए थे।
– जब चुनाव आयोग का गठन हुआ था, तब यह एकल सदस्यीय आयोग था। लेकिन 15 अक्टूबर, 1989 से चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त हैं।
सिर्फ मैसूर पैंट्स बनाती है अमिट स्याही
– देश में एक पोलिंग बूथ ऐसा भी है, जिसे सबसे दूरदराज क्षेत्र में स्थापित किया गया है। महंत भारतदास दर्शनदास गिर के जंगलों में रहते हैं, अकेले दर्शनदास के लिए चुनाव आयोग को पोलिंग बूध बनवाना पड़ता है, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
– मतदाताओं की संख्या के हिसाब से देखें तो आंध्रप्रदेश की मलकाजगिरी सीट देश की बड़ी संसदीय सीट है, यहां बीते लोकसभा चुनाव में 2953915 मतदाता पंजीकृत थे, जबकि लक्षद्वीप देश की सबसे छोटी संसदीय सीट है, यहां कुल मतदाताओं की संख्या 47972 है।
– चुनावों के दौरान मतदाताओं की अंगुली पर जो अमिट स्याही लगाई जाती है, वह सिर्फ मैसूर स्थित एमव्हीपीएल कंपनी बनाती है, जिसका पूरा नाम है मैसूर पैंट्स एंड वार्निश लिमिटेड।
मोदौरिची सीट से लड़े थे सबसे ज्यादा प्रत्याशी
– देश में सबसे कम समय तक शासन करने का रिकॉर्ड भी भाजपा सरकार के नाम है। 1996 में अटलबिहारी वाजपेयी 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे।
– देश में लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी 1988 के आम चुनाव में उत्तरप्रदेश में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई थी।
– यदि एक सीट पर सबसे ज्यादा प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड देखें, तो यह रिकॉर्ड तमिलनाडु की मोदौरिची संसदीय सीट के नाम पर है। यहां 1996 के आम चुनाव में 1033 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। तब यहां बैलेट पेपर को एक बुकलेट के रूप में छपवाया गया था।
– देश में एक प्रधानमंत्री ऐसा भी चुना है, जिनके माता और पिता दोनों के नाम बिलकुल समान है। जी हां, ये हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजयपेयी, जिनके पिता का नाम था कृष्णबिहारी वाजपेयी और उनकी माताजी का नाम था कृष्णा देवी।
पूनम पुरोहित
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