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यूपी : ये है भाजपा की नई चुनावी रणनीति, मोदी के इस दांव में बुरी तरह घिरे सारे सियासी दल..!

मंथन न्यूज़ भोपाल –भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए विरोधियों पर हमलावर होने की तैयारी में है। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। इस बैठक को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर ही केंद्रित रखा गया, जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी की चर्चा जोरो पर रही। इसके साथ ही बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी के तरकश में नया तीर भी शामिल हो चुका है। वो है वंशवाद का।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन को गरीब कल्याण और चुनाव सुधार पर केंद्रित रखा, साथ ही उन्होंने पार्टी के नेताओं को नसीहत देते हुए नाते-रिश्तेदारों के लिए टिकट का प्रयास नहीं करने की भी बात कही। पीएम की इस बात ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि आगामी चुनाव में विकास के साथ-साथ वंशवाद के मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को घेरने की कोशिश की जाएगी।
समाजवादी पार्टी में पिता मुलायम सिंह यादव और बेटे अखिलेश यादव के बीच जारी जंग को बीजेपी उत्तर प्रदेश चुनाव में भुनाने की तैयारी में दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वंशवाद के मुद्दे पर सपा को घेरने की तैयारी में जुट गए हैं। अमित शाह इससे पहले भी लगातार अपने भाषणों में इसी मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के घेरते आए हैं।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इस लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए पीएम मोदी ने अपने घर (पार्टी) से ही इसकी शुरुआत की है। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट का प्रयास नहीं करें, संगठन इस कवायद को देखेगा। इसके साथ ही इस चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी को तो भुनाने की पूरी कोशिश भी की जाएगी।
पीएम मोदी लोकसभा चुनाव की ही भांति इस हथियार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी आजमाना चाहते हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने वंशवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा था। उनके भाषणों में ‘मां-बेटे की सरकार’ का जिक्र अक्सर सुनने को मिला था। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने गांधी परिवार पर हमला करने के किसी भी मौके को हाथ से नहीं जाने दिया। बीजेपी के राजनीतिक हित को देखते हुए निशाने पर इस बार समाजवादी कुनबा होगा।
आपको बता दें कि तरक्की के पैमाने पर पिछड़े राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दशकों में मुलायम सिंह के समाजवादी कुनबे ने काफी तरक्की की, जिसका अधिकांश शेयर मुलायम सिंह के परिवार को मिला है। परिवार का हर सदस्य किसी ना किसी अहम पद पर आसीन है।
समाजवादी पार्टी के एक खेमे के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव आज़मगढ़ से लोकसभा सांसद हैं। मुलायम ने 2012 में अपने बेटे अखिलेश यादव को ‘साइकिल’ की सवारी करना सिखाया और राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन कराया। इतना ही नहीं ‘नेता जी’ ने अपनी बहू डिंपल यादव को राजनीति में लाया और वो कन्नौज से सांसद हैं।
मुलायम सिंह के समाजवादी कुनबे की फेहरिस्त काफी लंबी है। ‘नेता जी’  के चचेरे भाई रामगोपाल यादव आजकल राज्यसभा से सांसद हैं। दूसरे भाई शिवपाल यादव राज्य में पीडब्ल्यूडी सहित कई अहम मंत्रालय संभाले हुए हैं, साथ ही सपा के एक गुट के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। मुलायम सिंह के दो भतीजे धर्मेंद्र यादव बदायूं और अक्षय यादव फिरोजाबाद से एमपी हैं।
2014 में दो सीटों पर जीत दर्ज करने वाले मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट से इस्तीफा दिया। अपने एक भाई के पोते तेज़ प्रताप यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया। तेज प्रताप आज सांसद हैं। इसके अलावा यादव परिवार का तकरीबन हर सदस्य किसी न किसी पद पर विराजमान है।
वंशवाद के दाग से मुक्त चंद नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम दर्ज हो चुका है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में कदम रखने वाले मोदी पहली पूर्ण बहुमत वाली गैर-कांग्रेसी सरकार के मुखिया बने। चाहे वो गुजरात के मुख्यमंत्री का कार्यकाल हो या फिर देश के प्रधानमंत्री के तौर पर अबतक का उनका सफर, उन्होंने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा है। यही वजह है कि इस लड़ाई में वो मजबूती से विरोधियों पर हमला करते हैं।
राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद पीएम मोदी अब पार्टी को इस मुद्दे पर मजबूत करने में लगे हैं, जिससे वो विरोधियों को इस मुद्द पर घेर सके। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि यूपी चुनाव के लिए प्रत्याशियों के टिकट वितरण की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होगी और उसमें पीएम मोदी के सुझाव को तरजीह देगी।
                            पूनम पुरोहित 

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