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शहर के लिए अभिशाप बना ‘नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का कार्यकाल

मंथन न्यूज़ शिवपुरी – भाजपा नगर महामंत्री और नपाध्यक्ष पद के चुनाव में मुन्नालाल कुशवाह के विरूद्ध भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव में पराजित हुए हरिओम राठौर ने नपाध्यक्ष के दो साल के कार्र्यकाल पर तगड़ा हमला बोला है और कहा है कि उनका दो साल का कार्यकाल शहर के लिए वरदान नहीं बल्कि अभिशाप के रूप में सामने आया है। उनके कार्यकाल में शहर में कोई विकास कार्य नहीं हुए हैं। नगर पालिका ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया और नपा में भ्रष्टाचार अराजकता और अफसरशाही की मनमानी ने सारी सीमाओं को लांघ दिया है। यहां तक कि इस बात को उनके अपने दल के नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्र्मा भी स्वीकार करते हैं और परिषद की बैठक में वह स्वयं कर्ई बार नपाध्यक्ष कुशवाह की कार्यप्रणाली पर ताबड़तोड़ हमला बोल चुके हैं। नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह जिन उपलब्धियों को अपने खाते में दर्ज करा रहे हैं उसमें उनका लेस मात्र भी योगदान नहीं है। सिंध जलावर्धन योजना का कार्र्य यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों से पूर्ण होने जा रहा है। बल्कि श्री कुशवाह ने तो अपने कार्र्यकाल में सिंध जलावर्धन योजना में अडंगे लगाने का प्रयास किया ताकि पेयजल परिवहन में नपा प्रशासन लाखों रूपए की बंदरबांट कर सके। शहर में जो भी सड़कें बनार्ई जा रही है वह यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों के फल स्वरूप हैं। 
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जनता के विश्वास के साथ नहीं कर पाए न्याय कुशवाह
प्रेस को जारी बयान में भाजपा नेता हरिओम राठौर ने सिलसिलेवार ढंग से नपाध्यक्ष के दो साल के कार्र्यकाल की कलर्ई खोली है। उन्होंने बताया कि जनता ने जिस विश्वास के साथ मुन्नालाल कुशवाह को शहर की बागडोर सौंपी है। उस विश्वास के साथ श्री कुशवाह न्याय नहीं कर पाए। उनके कार्र्यकाल में कोर्ई विकास का कार्र्य नहीं हुआ तथा अफसरशाही की मनमानी पर भी वह अंकुश लगाने में असफल रहे। यहां तक कि अपने दल के पार्र्षदों को भी श्री कुशवाह संतुष्ठ नहीं कर पाए। नपाध्यक्ष दावा कर रहे हैं कि वह शहर को मई 2017 तक सिंध का पानी पिलायेंगे। जबकि योजना को गति देने में उनका कोर्ई योगदान नहीं है। लम्बित पड़ी इस योजना को यशोधरा राजे ने मंजूरी दिलार्ई और उनके प्रयासों से दोशियान कंपनी को वर्र्कऑर्डर दिया गया। यह योजना मार्च 2017 तक पूर्ण हो जाएगी। सच्चार्ई यह है कि मुन्नालाल कुशवाह सिंध जलावर्धन योजना को पूर्र्ण नहीं कराना चाहते थे। शहर की सड़कों के निर्माण का श्रेय मुन्नालाल कुशवाह लूट रहे हैं जबकि सड़कें भी यशोधरा राजे के प्रयासों से बनबाई जा रहीं है।


मूलभूत सुविधाओं को भी तरसे शहरवासी
श्री कुशवाह के कार्र्यकाल में नगर पालिका अपने मूलभूत कार्र्यो को नहीं करवा पा रही। नामांतरण के लिए जनता परेशान हो रही है। राशन कार्ड भी नहीं बन पा रहे। पूरे शहर में रात्रि होते ही अंधेरा छा जाता है। स्ट्रीट लाईट नहीं जलती। स्ट्रीट लाईट की खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप नपा प्रशासन पर हैं। भीषण सर्दी पड़ रही है। लेकिन उनके कार्यकाल में शहर के प्रमुख स्थानों पर रात्रि में अलाव नहीं  जलाए जा रहे। जिससे गरीब वर्ग परेशान बना हुआ है। शहर में सफाई व्यवस्था चौपट है। डिवार्ईडर और फुटपाथों पर महिनों से झाडू नहीं लगी है। श्री कुशवाह के कार्यकाल में फर्जी कार्य संपादित होकर लाखों के बारे न्यारे हो रहे हैं। नाली निर्माण के फर्जी कार्य के बहाने साढे 14 लाख रूपए हड़पने की योजना का पर्दाफाश हुआ है और इसमें एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। 


दो करोड़ की लाइट खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप
श्री कुशवाह के कार्यकाल में नगरपालिका द्वारा दो करोड़ से अधिक की लाइटें खरीदी गईं, लेकिन इसके बावजूद भी आज शहर अंधेरे में हैं। कई बस्तियां ऐसी देखी जा सकती हैं जहां पर अंधेरा पसरा रहता है। सवाल यह है कि जब नगरपालिका द्वारा दो करोड़ से अधिक की लाइटें खरीदी गईं तो फिर शहर अंधेरे में कैसे रह गया। इस पूरे मामले में नपाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।


बीपीएल कांड में जा चुके हैं जेल
फर्जी बीपीएल राशन कार्ड के मामले में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह जेल जा चुके हैं। विदित हो कि नपाध्यक्ष के पास बीपीएल राशन कार्ड होने का खुलासा हुआ तो इस मामले ने तत्समय काफी तूल पकड़ा और बीपीएल राशन कार्ड रखने के मामले में श्री कुशवाह को जेल तक की हवा खानी पड़ी थी। 


14 लाख के फर्जी ठेके का हुआ खुलासा
विगत वर्ष नगरपालिका में कथित 14 लाख के फर्जी ठेके का खुलासा हुआ और इस मामले में प्रशासनिक जांच के बाद कलेक्टर द्वारा एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद भी एफआईआर दर्ज न होने पर नपा में आयोजित परिषद में पार्षदों द्वारा हंगामा किया गया तब कहीं जाकर नपा ने संंबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। सूत्रों की मानें तो सांठगांठ के चलते 14 लाख के कार्यों की फाइलें बनाकर भुगतान कराने की तैयारी थी, लेकिन ऐनवक्त पर मामले का खुलासा होने से फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया। 


आरोपों की हुई निष्पक्ष जांच तो कई जाएंगे जेल
नवीन नगर पालिका के गठन के बाद तमाम आरोपों में घिरी नगर पालिका के अब तक के हुए कार्यों की यदि जांच कराई जाए तो कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। नवीन परिषद के गठन के बाद जिस तरह नियमों को ताक पर रखकर न सिर्फ खरीद-फरोख्त की गई बल्कि टेंडर प्रक्रिया को धता बताकर तमाम टेंडर अपने चहेतों के नाम कराए गए। परिणाम यह हुआ कि चहेतों द्वारा किए गए निर्माण कार्यों में न सिर्फ जमकर भ्रष्टïाचार हुआ बल्कि कार्य की गुणवत्ता भी शून्य रही। 
                                                                               पूनम पुरोहित 

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