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एबीवीपी के कार्यक्रम में आओ तो ऐसा लगता है कि ससुराल से मायके आ गया -श्री चौहान

 अखिल भारतीय विधयार्थी परिसद अधिवेसशन कायेक्रम  को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने मंच से कहा कि एबीवीपी में रहने के दौरान मुझे इमरजेंसी के समय पुलिस में मुझे मारा और हबीबगंज थाने ले गए। वहां रातभर पीटा गया, उसके बाद मुझे जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्णकालिक होने के दौरान लोगों के घरों में खाना खाने जाते थे। सीएम ने कहा एबीवीपी के कार्यक्रम में आओ तो ऐसा लगता है कि ससुराल से मायके आ गए हों।
उन्होंने कहा उस दौरान के नारे लगाते हुए कहा कि पहले हम हारते थे और कहते थे ‘अगली चोट करारी है, अगली सीट हमारी है।’ सीएम ने कहा कि विद्यार्थी परिषद में रहने के कारण ही मैंने सारे काम सीखे। मैं संगठन मंत्री रह चुका हूं। मैंने यहां टीम वर्क सीखा, यह अब भी काम आ रहा है।
एबीवीपी में रहते प्लानिंग, सावधानियां, सुचिता आदि भी सीखी। उन्होंने कहा आज सीएम बन जाने के बाद भी मैं जेब में पैसे नहीं रखता हूं। यह सब एबीवीपी में रहने की वजह से ही संभव हुआ।
सुरेश सोनी ने कहा कि एबीवीपी का काम सदैव आगे बढ़ रहा है। हमें भी पुरानी यादें ताजा हो रही हैं। जहां अधिवेशन हो रहा है मैं उसकी कॉलेज में पढ़ा हूं, इसलिए पुरानी यादें आना स्वाभाविक है। कार्यकर्ता कभी पूर्व नहीं होता। उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है, चुनौतियां बदल रही है पर संगठन ने कुए नए प्रयोग किए हैं। नई पीढी जब बेहतर काम करती है मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा  जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये आगे आयें और समाज और सरकार के कार्य में सहयोग करें। श्री चौहान आज इंदौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी, महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, श्री विक्रम वर्मा और इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शंकर ललवानी सहित जन-प्रतिनिधि और युवा उपस्थित थेमुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये देश का सबसे बड़ा महा-अभियान ‘नमामि देवी नर्मदे”-सेवा यात्रा राज्य सरकार ने शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इसके जरिये प्रदेश की जीवन-रेखा नर्मदा नदी के पानी को न केवल शुद्ध बनाया जायेगा, बल्कि इसके संरक्षण के लिये तटों के दोनों ओर पौधे भी लगाये जायेंगे। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे इस यात्रा में सक्रिय भागीदारी निभायें। श्री चौहान ने कहा कि यह अभियान धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक अभियान है। इसके सफल होने से प्राकृतिक आपदाओं से बचने के साथ ही लोगों के जीवन और पर्यावरण में सुधार आयेगा। श्री चौहान ने कहा कि अच्छे संगठन में काम करने से नेतृत्व क्षमता विकसित होती है। साथ ही जीवन में नियोजन, शुचिता और अनुशासन सीखने को मिलता है। उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि संघर्ष से जीवन में बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

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