दरअसल, सोमवार को दिग्विजय सिंह का शाजापुर ज़िले में कार्यक्रम तय था. दिग्विजय सड़क मार्ग से शाजापुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान वो भोपाल के ही संतहिरदाराम नगर में उनके स्वागत के लिए रखे गए एक कार्यक्रम में कुछ देर के लिए रुके. इस कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह के साथ नरेश ज्ञानचंदानी भी मौजूद थे.
नरेश ज्ञानचंदानी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल की हुजूर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी थे लेकिन उन्हें बीजेपी के रामेश्वर शर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा और इसी हार के बारे में बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए मुर्दाबाद का नारा लगा दिया.
दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंच से ही कहा कि नरेश के लिए जिस-जिस ने काम किया उनका धन्यवाद और जिन कांग्रेसियों ने काम नहीं किया वो ‘मुर्दाबाद’. अपने नेता का इंतज़ार कर रहे कार्यकर्ताओं ने जब उनके मुंह से अपने ही लिए मुर्दाबाद सुना तो वो असहज हो गए.
इसके बाद दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि इसमें किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए क्योंकि जिन कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव में काम नहीं किया उनके लिए मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है.
पहले कहा था ‘जहां जाता हूं कांग्रेस के वोट कटते हैं’
ये कोई पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने अपने बयानों से विवाद को जन्म दिया हो. विधानसभा चुनाव से पहले भी दिग्विजय सिंह ने विवादित बयान देकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी थीं. जब उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा था कि उनके कांग्रेस के कार्यक्रमों में जाने और भाषण देने से कांग्रेस के ही वोट कट जाते हैं. वहीं कुछ दिन पहले दिग्विजय ने कमलनाथ सरकार के दो मंत्रियों के कामकाज को लेकर भी खिंचाई की थी. जिसके बाद एक मंत्री ने तो बकायदा चिट्ठी लिखकर उसका जवाब भी दिया था.