मंथन न्यूज़ भोपाल –पहले सामान्य पूछताछ, फिर रिमांड में भी सीबीआई के सवालों का सही जवाब न देने पर व्यापमं घोटाले के मास्टरमाइंट में से एक पूर्व सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा व उसका सहयोगी पूर्व सहायक प्रोग्रामर सीके मिश्रा को जेल भेज दिया गया। शनिवार को दूसरी बार रिमांड खत्म होने पर दोनों को विशेष न्यायाधीश रामकुमार चौबे अदालत में पेश किया गया। जहां से दोनों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि दोनों पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे। महिंद्रा पर व्यापमं घोटोले से संबंधित 13 मामले दर्ज हैं, जिसमें सबसे बड़ा आरोप व्यापमं में सिस्टम एनालिस्ट रहते हुए हार्ड डिस्ट टेम्परिंग का है। इसके अलावा व्यापमं के अधिकारियों से मिलीभगत कर रिजल्ट में व्यापक हेराफेरी करने और अलग-अलग परीक्षाओं की ओएमआर शीट व प्रवेश पत्र में भारी गड़बड़ियां कर उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के मामले में आरोपी है।
दो महीने बाद वापस पहुंचा जेल
व्यापमं फर्जीवाड़े मामले में ढाई साल से जेल में बंद महिंद्रा को इसी साल अगस्त में जमानत मिली थी। भोपाल सेंट्रल जेल में जहां व्यापमं के सभी हाईप्रोफाइल आरोपियों को जमानत मिलने (पंकज त्रिवेदी को छोड़) के बाद महिंद्रा पहला आरोपी है, जो दोबारा जेल गया है।
25 को टेम्परिंग मामले में सुनवाई
सूत्रों की मानें तो नितिन महिंद्रा को गिरफ्तार करने के पीछे मुख्य वजह 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाने वाली हार्डडिस्क टेम्परिंग की रिपोर्ट है। इसके संबंध में कई सवाल सीबीआई ने उससे किए। महिंद्रा टेम्परिंग मामले का मुख्य आरोपी है। सीएफएलएस से हार्डडिस्क टेम्परिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश होगी जिसके बाद जांच की दिशा एक नया मोड़ लेगी।
पूनम पुरोहित