भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अभी मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं किया है. शाह ने कहा कि भाजपा ने कई राज्यों में बिना चेहरे के चुनाव लड़कर ही सफलता पाई है, इसलिए यह जरूरी नहीं कि पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे.
लखनऊ के ताज होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि यूपी की जनता को भाजपा के संगठन पर विश्वास रखना चाहिए. उचित समय आने पर इसका फैसला किया जाएगा.
नोटबंदी को लेकर सरकार की आलोचनाओं का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि सरकार ने अच्छे मन से यह फैसला किया है. इससे आतंकवादी, जाली नोटों के कारोबार करने वाले और काला धन रखने वाले लोग परेशान हैं. इससे आम जनता को कुछ दिक्कतें होंगी, लेकिन यह अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी अच्छा कदम है.
तीन तलाक के मुद्दे पर शाह ने कहा कि वह चाहते हैं कि यूपी का चुनाव महिला सम्मान के नाम पर लड़ा जाए. उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण का मतलब यह नहीं है कि फोन पर तीन बार तलाक बोल दिया और सबकुछ खत्म हो गया. महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए. अभी इस मसले पर और बहस की जरूरत है.”
नमक कम होने की अफवाह को लेकर शाह ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. नमक की अफवाह के बाद भी बैंकों के बाहर लोगों की कतारें कम नहीं हुई हैं.
इससे पूर्व शाह ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं और पिछले कुछ समय में दुनिया के भीतर देश की साख बढ़ी है. शाह ने कहा कि पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में परिवर्तन के वादे के साथ जाना चाहती है.
उन्होंने कहा, “हम सभी की जिम्मेदारी है कि जातिवाद, तुष्टिकरण व परिवारवाद को समाप्त कर बदलाव लाएं.”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव के वक्त ही यह एजेंडा तय हो कि देश की राजनीति परिवारवाद, जातिवाद, तुष्टिकरण पर चले या फिर कामकाज के अच्छे प्रदर्शन पर?
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात के विकास का मॉडल भी सबके सामने है. आजादी के 60 वर्षो बाद भी अब तक यूपी का विकास नहीं हुआ है. इसके लिए दोषी कौन है?
पूनम पुरोहित