नगर की महत्वपूर्ण जल प्रदाय योजना मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना का बीते रोज कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें काम में तेजी नहीं दिखी, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर ने दो टूक शब्दों में हिदायत भी दी कि यदि तय समय सीमा 31 मार्च 2017 तक कार्य पूर्ण नहीं किया गया और सिंध का पानी शिवपुरी न हीं पहुंचा तो कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्थिति में निर्माण की लागत नहीं बढ़नी चाहिए। इस दौरान कलेक्टर ने मड़ीखेड़ा डैम के जलशोधन संयंत्र होते हुए शिवपुरी नगर तक किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। कलेक्टर श्रीवास्तव ने इन्टेकवेल से जलशोधन संयंत्र तक डाली जा रही पाइप लाइन की प्रगति को 29 विभिन्न सेक्टर में बांटकर कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण में यह बात सामने आई की दो सेक्टरों में पाइप लाइन पूरी तरह से पूर्ण हो चुकी है, जबकि शेष 27 सेक्टरों में काम होना बाकी है। मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना के तहत 12 टंकियां बनाई जानी थीं, जिनमें से अब तक सिर्फ 8 टंकियां ही बन पाई है, साथ ही इन टंकियों को फीडरमेन से नहीं जोड़ा गया। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इन्टेकवेल, वीटी पम्प का कार्य आदेश जारी किया जा चुका है। मड़ीखेड़ा में रो वॉटर के सम्पवेल की स्थिति स्पष्ट न होने पर परीक्षण कराने के निर्देश दिए। इस मामले के संबंध में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि दोशियान कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे समयसीमा में काम पूरा करें। यदि समयसीमा में काम पूरा नहीं होता है तो उनके विरुद्घ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कलेक्टर ने मड़ीखेड़ा से शहर तक लाई जाने वाली पाइप लाइन जिसका काम 11 सेक्टरों में बांटा गया था, उसमें से किसी भी सेक्टर का काम पूरा नहीं हो पाया, जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की तथा योजना के तहत इंटेकवेल तथा जल शोधन संयंत्र का विद्युत लेआउट विद्युत मंडल से स्वीकृत नहीं होने पर कार्य विलंब होने की संभावना व्यक्त की।
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