मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में मंत्रियों और मुख्यमंत्री के बीच कोई नहीं है कोई तालमेल
भोपाल। सोमवार को विधानसभा में कांग्रेस सरकार द्वारा मंदसौर गोलीकांड और नर्मदा किनारे पौधरोपण मामले पर दिए गए बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में धमासान मचा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस मामले में अपनी ही सरकार को गलत ठहरा चुके हैं। इस मामले में बुधवार को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। जब तक जयवर्धन परिपक्व नहीं हो जाते तब तक कांग्रेस सरकार ऐसी ही चलती रहेगी।नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में मंत्रियों और मुख्यमंत्री के बीच कोई तालमेल नहीं हैं। स्थिति ये है कि मुख्यमंत्री और मंत्री आपस में बातचीत तक नहीं करते। अगर मंत्रियों द्वारा सदन में दिए गए जवाब पर पार्टी नेताओं को आपत्ति थी तो आपस में बातचीत कर सकते थे। लेकिन इसके इतर मीडिया के सामने आकर मुद्दे को गलत तरीके से पेश करना कांग्रेस की अंदरुनी स्थिति से अवगत करा रहा है। इससे पहले दिग्विजय के बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस मामले में सफाई देनी पड़ी थी। अनुभव की कमी: नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के पास अनुभव की कमी है। सदन के अंदर जवाब देने वाला मंत्री सदन के बाहर उसी मुद्दे पर कुछ और बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि सदन की परंपराओं के अनुसार जिस मुद्दे पर सदन के अंदर चर्चा हो चुकी हो उनपर सदन के बाहर मंत्रियों को बयान नहीं देना चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया ये भी काफी खेदजनक है।