राजपरिवार की राजनीति पर छिड़ी रार, लक्ष्मण बोले रानी-महारानी आएंगी तो दूसरे लोग कहां जाएंगे, अमृता ने कहा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने का सबको हक
रानी-महारानी की इंट्री के खिलाफ लक्ष्मण :
लक्ष्मण सिंह का कुछ दिन पहले ट्वीट आया जिसमें लिखा था कि नेताओं की पत्नियों को चुनाव लड़ाना हानिकारक है। इस ट्वीट से सियासत में गरमाहट शुरु हुई। सोमवार को लक्ष्मण सिंह ने विधानसभा परिसर में मीडिया से कहा कि राजनीति में राजा हैं, छोटे राजा हैं, युवराज हैंं, ऐसे में रानी-महारानी और चुनाव लडऩे लगेंगी तो दूसरे लोगों का क्या होगा। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वे इसीलिए रानी-महारानी के चुनाव लडऩे के खिलाफ हैं। लक्ष्मण सिंह ने नाम तो नहीं लिया लेकिन समझा जा सकता है कि उनका इशारा अमृत सिंह की तरफ ही था।
अमृता का इशारों में पलटवार :
अमृता सिंह ने फेसबुक पर लक्ष्मण सिंह के ट्वीट का जवाब दिया। अमृता ने किसी का नाम नहीं लिखा लेकिन उनके संकेतों को समझा जा सकता है। उन्होंने लिखा कि चुनाव लडऩे की अफवाह पर समाज के लोग भी कौआ कान ले गया की तर्ज पर कान देखने की जगह उसी ओर दौडऩे लगे हैं। सोमवार को अमृता सिंह ने मीडिया से कहा कि देश में लोकतंत्र है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने का हक सबको है। उनका जवाब चुनाव लडऩे के सवाल पर था इसलिए समझा जा सकता है कि लोकतांत्रिक हक चुनाव लडऩे को लेकर है।
जयवर्धन और राज्यवर्धन भी मैदान में :
नगरीय प्रशासन मंत्री और दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन ने इस पूरे मसले पर मीडिया से कहा कि ये उनका आपसी मामला है,आपस में निपट लेंगे। वहीं विधायक राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि आज के दौर में न कोई राजा है न महाराजा, सब आम आदमी हैं जिनका फैसला जनता करती है।