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बिना खर्च वाली 56 मांगें जल्द होंगी पूरी, 100 पर मंथन

   

सरकार का फोकस किसानों के बाद कर्मचारियों पर
 

भोपाल. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो प्रदेश सरकार अधिकारी-कर्मचारियों की 56 मांगें एक माह में पूरी कर देगी। इनसे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा। बाकी मांगों पर भी मंथन चल रहा है। इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी विचार कर रही है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस सरकार ने किसानों के बाद कर्मचारियों पर फोकस किया है। हाल ही में मंत्रालय में कर्मचारी संगठनों के साथ तीन-तीन मंत्रियों ने चर्चा की। उनकी कठिनाइयों को जानने के साथ मांगें भी पूछी हैं। सरकार तक उनकी 150 से अधिक मांगें और प्रस्ताव पहुंचे हैं। 
– पद नाम परिवर्तन सरकार राजी
विभिन्न विभागों के कर्मचारी पदनाम बदलने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। सरकार को इसमें कोई एतराज नहीं है। इनमें भृत्य को कार्यालय सहायक, स्वास्थ्य विभाग के नेत्र चिकित्सा सहायकों को नेत्र परीक्षण अधिकारी, सिंचाई विभाग के अमीन का नहर विस्तार अधिकारी, सहायक अध्यापकों का पद नाम परिवर्तित कर शिक्षक, सहायक शिक्षक एवं व्याख्याता करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा स्थायी कर्मी भी पदनाम बदलना चाहते हैं।
– इन प्रमुख मांगों पर सरकार सहमत
शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस सिस्टम समाप्त हो।
कार्यभारित कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर 300 दिवस का अर्जित अवकाश दिया जाए।
अनुकंपा नियुक्ति को नियमों का सरलीकरण तथा सात वर्ष की अनिवार्यता के बंधन की समाप्ति हो।
सभी विभागों की संयुक्त परामर्शदात्री समितियों की बैठक वर्ष में तीन बार अनिवार्य की जाएगी।
वर्ष 2003 को आधार मानते हुए बैकलॉग के सभी पदों को भरा जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में जन स्वास्थ्य रक्षकों से प्राथमिक उपचार करने का कार्य लिया जाएगा। उन्हें मानदेय भी मिलेगा।
अतिथि विद्वानों का पीएससी में चयन न होने पर सेवा समाप्त नहीं की जाएगी। रिक्त पदों पर होगी नियुक्ति।

 
– ये प्रस्ताव भी आए संगठनों की ओर से
अग्रवाल वेतन आयोग की आर्थिक अनुशंसाएं लागू हों। शिक्षा संवर्ग, स्टाफ नर्स, एमपीडब्ल्यू और एएनएम की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं।
वनकर्मियों को पुलिस बल के समान अतिरिक्त एक माह का वेतन दिया जाए।
जनपद पंचायतों के सीईओ को राज्य वेतन आयोग की अनुशंसानुसार वेतनमान, पंचायत सचिवों का पंचायत विभाग में संविलियन तथा पंचायत समन्वय अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया जाए। सातवां वेतनमान भी दिया जाए।
आरक्षकों को 1900 रुपए के स्थान पर 2100 रुपए ग्रेड पे दिया जाए।
डिप्लोमा इंजीनियर्स एवं उपयंत्रियों, महिला एवं बाल विकास की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं, सहकारिता विभाग के संविदाकर्मियों, अतिथि शिक्षकों, ग्राम पंचायतों के कम्प्यूटर ऑपरेटरों और कोटवारों की मांगों का निराकरण किया जाए।
सरकार को अधिकारी-कर्मचारियों के मांग पत्र सौंपे जा चुके हैं। संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण किया जा रहा है। अन्य मांगों को भी जल्द पूरा किए जाने के लिए सरकार ने भरोसा दिलाया है।
– वीरेन्द्र खोंगल, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस
कर्मचारी-अधिकारी संगठनों से चर्चा की थी। कई मांगें ऐसी हैं जिन पर कोई आर्थिक बोझ नहीं आ रहा है। उन्हें पहले पूरा किया जाएगा। अन्य मांगों पर विचार हो रहा है।
– पीसी शर्मा, प्रवक्ता, प्रदेश सरकार

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