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कर्नाटक में गठबंधन सरकार जाने के बाद मध्य प्रदेश में भी गरमाने लगी है सियासत

मध्य प्रदेश में दो भाजपा विधायकों के कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान करने के बाद राज्य की सियासत गरमाने लगी है। 

शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ

   

मुख्य बातें
येदियुरप्पा सोमवार को विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत

मध्य प्रदेश में भाजपा के दो बागी विधायक बागी हो गए है

शिवराज सिंह ने कहा है कि शुरूआत कांग्रेस ने की है तो अंत हम करेंगे

भोपालः जुलाई महीने की शुरुआत से कर्नाटक में सियासी नाटक शुरू हुआ था, जिसका अंत गठबंधन सरकार के जाने और येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने के बाद जुलाई के तीसरे हफ्ते में हुआ। अब येदियुरप्पा के सामने नई चुनौती है कि वो किस तरह से सदन के पटल पर विश्वासमत हासिल करेंगे? एक कहावत है कि दूध की जली बिल्ली मट्ठा फूंक-फूंक कर पीती है। एक बार मुख्यमंत्री बनने के बाद येदियुरप्पा सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा देकर बड़े बे-आबरू होकर बाहर निकले थे। लेकिन इस बार सदन के पटल पर डंके की चोट पर बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हैं और विधानसभा का गणित कहता है कि वो सदन में बहुमत साबित करने में कामयाब हो जाएंगे। 
कर्नाटक के बाद गरमाई मध्य प्रदेश की सियासत
कर्नाटक के सियासी नाटक के अंत के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति अब गरमाने लगी है। राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए बिल का भाजपा के दो विधायकों ने समर्थन करके बिल को पास करवा दिया। भाजपा के दो विधायक बागी हो गए हैं। इसके पहले यह माना जा रहा था कि कर्नाटक के सियासी नाटक के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस के जरिए मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो जाएगी। लेकिन कमलनाथ ने भाजपा खेमे में ही सेंध लगा दी। कमलनाथ के कदम से भाजपा खेमे में बेचैनी बढ़ी
कमलनाथ के इस कदम से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार की तरफ से जो कदम उठाया गया है वह बिल्कुल अनुचित है। शुरुआत कांग्रेस की तरफ से की गई है, उसका पटाक्षेप हम करेंगे। लेकिन भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने एक विधेयक पर पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर कांग्रेस सरकार के पक्ष में वोट किया। केवल इतना ही नहीं दोनों विधायकों ने कमलनाथ के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करते हुए कांग्रेस में शामिल होने का इशारा तक कर दिया है। इसके साथ मध्यप्रदेश सरकार के करीबी कंप्यूटर बाबा ने दावा किया है कि भाजपा के चार अन्य विधायक उनके संपर्क में हैं और कमलनाथ जब आदेश देंगे मैं उन्हें पेश कर दूंगा। 

निर्दलीयों और सहयोगी दलों के समर्थन पर टिकी है एमपी सरकार
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कमलनाथ की सरकार कुछ पार्टियों के सहयोग और निर्दलीयों के समर्थन से चल रही है। उनके पास हमसे कुछ सीटें ज्यादा थीं, इसलिए हमने नैतिक आधार पर उनकी सरकार बनने दी। अब हमारी पार्टी के विधायकों को तोड़ने का काम उन्होंने शुरू कर दिया है तो यह काम हम भी कर सकते हैं। भाजपा के दो विधायकों ने किया कमलनाथ सरकार का समर्थन 
शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस राज्य में गंदी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि खेल की शुरुआत कांग्रेस की तरफ से की गई है, इसका अंत हम करेंगे और कांग्रेस को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। शिवराज सिंह का यह बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में हो रहे उथल-पुथल के संकेतों के दो दिन बाद आया है। भाजपा के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के समर्थन में मतदान किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी इस दंड विधि (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रही थी।  

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