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Union Budget 2019-20 LIVE: मोदी सरकार का अंतरिम बजट, जानिए मध्यप्रदेश की झोली में क्या मिला

Union Budget 2019-20 LIVE: मोदी सरकार का अंतरिम बजट, जानिए मध्यप्रदेश की झोली में क्या मिला
भोपाल। मोदी सरकार के अंतरिम बजट पर मध्यप्रदेश की निगाहें टिक गई है। प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश कर रहे हैं। बजट भाषण में उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।

एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट को इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह रेल मंत्री पीयूष गोयल पेश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहे इस बजट में मध्यप्रदेश के हर वर्ग की उम्मीदें लग गई हैं। जेटली इलाज के लिए विदेश में हैं, इसलिए रेल मंत्री गोयल को वित्त एवं कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
-गांवों में भी शहरो जैसी सुविधा पर जोर दिया।
-ग्राम संपर्क योजना पर 19 हजार करोड़।
-गांवों को खुले में शौच से मुक्ति मिल गई।
-टैक्स और बैंकिंग सेक्टर में सुधार हुआ।
-मनरेगा के लिए 7 हजार करोड़ दिए गए।
-1 लाख 17 हजार करोड़ रुपए गरीबों को अनाज के लिए दिया गया।
-एनपीए कम करने पर जोर दिया गया।
-आरक्षण व्यवस्था में छेड़छाड़ नहीं की।।
-स्वच्छता को लेकर सरकार ने कई प्रयास किए।
-सरकार ने गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया।
-रेरा से बेनामी संपत्ति में पारदर्शिता आई।
-आर्थिक भगोड़ों के लिए कानून बनाए।
-कर्ज न चुकाने वाले अब पैसे दे रहे हैं।
राज्यों को 42 प्रतिशत शेयर दिया।
-पिछली सरकारों में कई गुना योजनाएं अधूरी रहीं।
बैंकिंग सेक्टर में तेजी से सुधार हुआ।
2022 तक हम नया भारत बनाएंगे।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चाहते हैं कमी
भोपाल के संतोष नायडू का मानना है कि मोदी सरकार आयकर की सीमा बढ़ाए तो अच्छी बात है, इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी के लिए भी कोई पुख्ता इंतजाम होना चाहिए।
भाजपा शासित केंद्र सरकार का केंद्रीय बजट इसलिए भी खास है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार हाल ही में बनी है। ऐसी स्थिति में व्यापारी, युवा, छात्र, कर्मचारी राहत की उम्मीद कर रहे हैं। भोपाल के लोग कहते हैं कि इस बार बजट कुछ खास होने वाला है। लुभावना न होकर बजट हर वर्ग के लिहाज से संतुलित होना चाहिए।
क्या बोले लोग
भोपाल के राहुल ठाकुर कहते हैं कि केंद्र सरकार के बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। बजट में टैक्स स्लैब को और बढ़ाना चाहिए। मध्यप्रदेश में तीसरी लाइन का काम तेज गति से होना चाहिए और तेज रफ्तार वाली ट्रेनें बढ़ाना चाहिए।
जीएसटी में मिले राहत
भोपाल के व्यापारी यह भी चाहते हैं कि उन्हें जीएसटी में राहत मिलना चाहिए। बजट में व्यापारियों के लिए बीमा योजना का लाभ देने के भी प्रावधान होना चाहिए।

www.Manthannews.inआपको बता रहा है कि अंतरिम बजट क्या है और यह कैसे पूर्ण बजट से अलग है।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट शुक्रवार को पेश हो रहा है। यह मोदी सरकार के आम बजट की जगह अंतरिम बजट होगा। बरसों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक जिस वर्ष लोकसभा के चुनाव होने वाले होते हैं, केंद्र की सरकार पूरे वित्त वर्ष की जगह कुछ माह तक के लिए ही बजट पेश करती है। मोदी सरकार के लिए यह बजट भी अहम है, क्योंकि चंद महिने बाद ही लोकसभा चुनाव आने वाले हैं।
यह है अंतरिम बजट
जब केंद्र सरकार के पास पूर्ण बजट पेश करने के लिए समय नहीं बचता है तब वो सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। केंद्र की मोदी सरकार भी अंतरिम बजट पेश कर रही है। यह पूरे साल की बजाय कुछ माह के लिए होता है। हालांकि, सरकार अंतरिम बजट ही पेश करे इसकी बाध्यता नहीं रहती है, लेकिन परंपरा ही है कि इसे अगली सरकार पर छोड़ा जाता है। जब नई सरकार आती है तो वो पूर्ण बजट (आम बजट) पेश करती है।
अंतरिम बजट और आम बजट में अंतर
दोनों ही बजट में सरकारी खर्चों के लिए संसद से मंजूरी लेना पड़ती है, लेकिन अंतरिम बजट आम बजट से अलग रहता है। अंतरिम बजट में सामान्यतः सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं करती। हालांकि, कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं रहती है। चुनाव के बाद गठित सरकार ही नीतिगत फैसले लेती है और नई योजनाओं की घोषणा करती है।
-हालांकि पिछले कुछ वित्त मंत्री टैक्स की दरों में कटौती जैसे नीतिगत फैसले भी ले चुके हैं। इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली के अंतरिम बजट से भी ऐसी ही उम्मीदें की जा रही हैं कि इनकम क्लास को टैक्स में छूट दी जा सकती है।
अंतरिम बजट और लेखानुदान में अंतर
जब केंद्र सरकार कुछ महिने के लिए संसद से जरूरी खर्च के लिए अनुमति मांगती है, तो वे अंतरिम बजट की बजाय वोट ऑन अकाउंट (लेखानुदान)पेश कर सकती है। अंतरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट दोनों ही कुछ ही माह के लिए होते हैं, लेकिन दोनों के प्रस्तुतिकरण में अंतर है। अंतरिम बजट में केंद्र सरकार खर्च के अलावा राजस्व का भी ब्यौरा देती है, जबकि लेखानुदान में सिर्फ खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगी जाती है।
यह हैं चार बड़े तोहफे
मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले किसानों और आम जनता को चार बड़े तोहफे दे सकती है।
-खबरों के मुताबिक किसानों के खातों में सीधे फंड ट्रांसफर की स्कीम को हरी झंडी मिल सकती है।
-किसानों को ब्याजमुक्त ऋण की योजना का ऐलान संभव।
-मध्यम वर्ग को आयकर में राहत मिल सकती है।
-खबरों के मुताबिक आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। फिलहाल यह सीमा 2.5 लाख है।

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