भोपाल। झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के बाद भाजपा में फिर बड़े नेताओं की मुखालफत होने लगी है। मुखर होकर संगठन की संवादहीनता और प्रचार में कमी की बात कही जा रही है। सीधी से भाजपा के वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ला ने पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह पर आरोप लगाए। अब पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने शुक्ला का पक्ष लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ संगठन पर निशाना साधा है। केंद्रीय नेतृत्व ने इन बयानों को गंभीरता से लिया है।
पूर्व सांसद शर्मा ने शुक्ला का समर्थन करते हुए कहा कि कोई भी आवाज आती है तो समझना चाहिए कि एक हाथ की ताली की आवाज नहीं आती। केदारनाथ शुक्ला जिम्मेदार विधायक हैं। उन्होंने एेसा क्यों बोला या उन्हें बोलना पड़ा। इसकी वजह जानने की जरूरत है। दरअसल, पार्टी में संवादहीनता की स्थिति बन गई है। इसीलिए ये बातें बाहर आ रही हैं।
झाबुआ उपचुनाव में हार के कारणों की खोज करके बताना चाहिए। साथ ही इस हार के जिम्मेदार लोगों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। शर्मा ने यह भी कहा कि 27 हजार से अधिक वोटों की हार छोटी नहीं होती। शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लेकर भी कहा कि वे मामा कहलाते हैं। झाबुआ में उनका विशेष आकर्षण है। उनका जादू भी झाबुआ में नहीं चला। उन्हें अपनी अंतरात्मा में झांकने की जरूरत है।
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