प्रदेश में पिछले 1 साल में भ्रष्टाचार के मामलों में 10 फीसदी की बढोत्तरी हुई है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और संस्था लोकल सर्किल की तरफ से किए गए सर्वे में ये बात सामने निकल कर आई है कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार स्थानीय निकायों में है. 38 फीसदी लोगों ने नगरीय निकाय में, 37 फीसदी लोगों ने जमीन से जुड़े मामलों में, जबकि 25 फीसदी लोगों ने परिवहन, बिजली कंपनी, टैक्स कार्यालय में रिश्वत देकर काम कराया है.. देशभर के करीब 40 हजार लोगों को सर्वे में शामिल किया गया था.इसमें करीब 2200 लोग मध्यप्रदेश के थे..उन्हीं के जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है.संस्था के मुताबिक उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड और पंजाब में सबसे अधिक भ्रष्टाचार है. जबकि दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा सबसे कम भ्रष्टाचार वाले राज्य रहे। हालांकि इस रिपोर्ट पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि पिछले 15 साल में ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ इस एक साल में नहीं तो रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी ने सरकार पर हमला किया है
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