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मप्र के कर्मचारियों को डीए मिलने में हो सकती है देरी, यह है कारण

भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने के बाद अब राज्य के कर्मचारियों की उम्मीद भी बढ़ गई है। हालांकि प्रदेश के कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते के लिए पिछली बार की तरह ही थोड़ा ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है
प्रदेश सरकार के सामने मौजूद आर्थिक संकट की वजह से यह देरी होगी। राज्य सरकार अभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सातवें वेतनमान का एरियर ही नहीं दे पा रही है, इसलिए कर्मचारियों को दो प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देना फिलहाल मुश्किल है।
वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक अभी भी राज्य सरकार के खजाने की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों का महंगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़ाने का फैसला भले ही हो जाए, लेकिन यह पैसा देने में समय लग सकता है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता जुलाई से मिलना है।
केंद्र सरकार हर छह महीने में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाती है। कर्मचारियों को 1 जनवरी से 30 जून और 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक महंगाई भत्ता दिया जाता है।
मप्र में करीब 5 लाख कर्मचारी हैं। महंगाई भत्ता देरी से देने की स्थिति में कर्मचारियों को इसका एरियर दिया जाएगा। हालांकि चुनावी साल को देखते हुए कर्मचारी डीए जल्द मिलने की उम्मीद भी लगा रहे हैं। यदि राज्य सरकार भी दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाती है तो 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का बोझ आएगा।

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