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शिवपुरीः जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज हुए अलग, मेडिकल कॉलेज का स्टाफ डीएच से हटा

शिवपुरी मेडिकल कॉलेज ने आखिरकार अब पूरी तरह से श्ुरू हो चुका है। इसके चलते सोमवार को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अधिकारिक रूप से अलग-अलग हो गए। मेडिकल कॉलेज ने जिला अस्पताल में अटैच किया हुआ अपना पूरा स्टाफ वापस बुला लिया है। इससे जिला अस्पताल प्रबंधन चिंता में पड़ गया है कि आखिर कोरोना की आपदा में स्टाफ कहां से लेकर आएं। अभी तक मेडिकल कॉलेज अपना खुद का हॉस्पिटल शुरू नहीं होने पर जिला अस्पताल से ही ऑपरेट कर रहा था। यहां का कोरोना आइसोलेशन वार्ड और आइसीयू के साथ कई अन्य विभाग भी मेडिकल कॉलेज द्वारा ही चलाया जाता था। खुद की बिल्डिंग तैयार न होने पर 100 से ज्यादा डॉक्टरों सहित करीब 180 का स्टाफ मेडिकल कॉलेज का जिला अस्पताल में काम कर रहा था। अब मेडिकल कॉलेज में भी 100 बेड के साथ कोरोना का इलाज शुरू कर दिया गया है इसलिए उन्होंने अपना पूरा स्टाफ भी वापस बुला लिया है। मेडिकल कॉलेज का ही स्टाफ अभी तक जिला अस्पताल का कोविड आइसोलेशन वार्ड और आइसीयू देख रहा था जिसे वापस बुलाया गया है। जिला अस्पताल के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सभी स्वास्थ्य संस्थाओं से स्टाफ को बुलाया है जिसमें से कई ने जॉइन भी कर लिया है।
मेडिकल कॉलेज की तुलना में आधे चिकत्सिक भी नहीं

जिला अस्पताल में करीब 45 चिकित्सक हैं जिसमें सर्जरी, गायनिक, ऑर्थोपेडिक, मेडिसिन, शिशुरोग आदि सभी विभाग शामिल हैं। मेडिसिन विशेषज्ञ भी जिला अस्पताल में काफी कम हैं। जबकि मेडिकल कॉलेज के पास 120 से अधिक डॉक्टर हैं। जिला अस्पताल पहले से ही पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। यहां की सेंट्रल लैबोरेटरी में 90 फीसद स्टाफ मेडिकल कॉलेज का ही था। स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाएं बनाने के लिए अस्थाई भर्तियां भी कर रहा है। मेडिकल कॉलेज का स्टाफ भी ज्यादा स्किल्ड माना जाता है। ऐसे में परेशानी बढ़ना तय है।
स्वास्थ्य संस्थाओं से बुलाया स्टाफ, हर शिफ्ट में 15 की जरूरत

जिला अस्पताल में ऊपर की मंजिल और ग्राउंड फ्लोर पर दो आइसीयू और तीन आइसोलेशन वार्ड संचालित किए जा रहे हैं। 30 आइसीयू के बेड, 62 ऑक्सीजन के बेड हैं। इन सभी में 5 डॉक्टर और 10 पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत एक शिफ्ट में रहेगी। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं से एमबीबीएस डॉक्टर, आयुष चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, नर्स, सीएचओज आदि को जिला अस्पताल अटैच किया है। कुल 45 लोगों का स्टाफ अभी अटैच किया है जिसमें से 30 ने सोमवार को अपनी ज्वॉइनिंग भी दे दी है। इसमें से 6 को पारिवारिक और स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी दे दी गई है। शेष स्टाफ मंगलवार को ज्वॉइन करेगा। इसके साथ ही सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसरों से यह जानकारी मांगी गई कि उनके यहां से कितना स्टाफ जिला अस्पताल को मिल सकता है।
सोमवार को आया ऑक्सीजन टैंकर, मरीजों को मिली उनकी सांसे

कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर सोमवार को ऑक्सीजन टैंकर शिवपुरी मेडिकल कॉलेज पहुंचा। टैंकर लगभग आधा भरा हुआ प्राप्त हुआ है। टैंकर को पुलिस की कड़ी निगरानी में लाया गया। मुडखेडा टोल प्लाजा पर शिवपुरी की पुलिस पहुंच गई थी और इसके बाद उसे पुलिस की सुरक्षा में शिवपुरी मेडीकल कॉलेज तक पहुंचाया गया। जिससे यहां भर्ती कोरोना मरीजों का उपचार हो सके और मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से न जूझना पडे। कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल लगातार कम हो रहा है जिसके चलते उन्हें ऑक्सीजन पर रखना पड रहा है। इसी के चलते जिला अस्पताल सहित मेडीकल कॉलेज में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सके और उनके जीवन को सुरक्षित किया जा सके।
इनका कहना है

जिला अस्पताल में कोविड का ट्रीटमेंट मेडिकल कॉलेज का स्टाफ देख रहा था जिसे वापस बुला लिया गया है। हमने दूसरी स्वास्थ्य संस्थाओं से स्टाफ बुलाया है। इनमें से कई ने ज्वॉइन कर लिया है और जिन्होंने नहीं किया है उन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं।

– डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर, सिविल सर्जन।

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