लोकसभा चुनाव में हार का असर
भोपाल .लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी में उठ रहे बगावती तेवरों को शांत करने के लिए कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। इस बारे में रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में चर्चा होने के आसार हैं। पांच महीने पहले मंत्रिमंडल के गठन के बाद से ही सरकार में जगह न पाने वाले पार्टी के वरिष्ठ विधायक और बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही है।
मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायकों में छह बार के विधायक केपी सिंह समेत अन्य विधायकों में बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव को जगह नहीं मिल पाई थी।ये सभी सरकार से नाराजगी भी जता चुके हैं। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर और केदार सिंह डाबर भी उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा। इसके साथ ही बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और सपा से राजेश शुक्ला को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। इन विधायकों को कैबिनेट में शामिल न किए जाने की वजह उनके पहली बार विधायक चुना जाना बताया गया था। हालाकि मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा, यह अभी तय नहीं है। फिलहाल कमलनाथ कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अन्य 28 मंत्री हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरे ही शामिल किए जा सकते हैं, जबकि मंत्रिमंडल में स्थान न पाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार न होने तक पार्टी के विधायकों और निर्दलियों को खाली पड़े निगम मंडलों में एडजेस्ट किया जा सकता है।
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