पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ भोपाल –भाजपा अब मध्य प्रदेश में भी यूपी के पैटर्न पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी के अंदर इसे लेकर तेजी से काम शुरु हो गया है। जिसका आधार पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मेंस के एजेंडे को आगे बढाना और बरीयता देना है।
फिलहाल इसके तहत पार्टी ने जो फार्मूला तैयार किया है, उसके तहत प्रत्येक सांसद को विधानसभा चुनाव के दौरान 70फीसदी से ज्यादा रिजल्ट देना होगा। मध्य प्रदेश के नजरिए से देखे,तो इस फार्मूले के तहत प्रदेश के प्रत्येक सांसद को अपने लोकसभा क्षेत्र की कम से कम छह सीटों पर जीत दर्ज करानी होगी।
पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकारों की मानें, तो लोकसभा चुनाव के दौरान सांसदों का यही परफार्मेंस उनके टिकट का भी मजबूत आधार बनेगा। साथ ही इससे सांसद की क्षेत्र में सक्रियता और लोगों से जुड़ाव का भी पता चलेगा।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने इस फार्मूले पर काम किया था। जिसका परिणाम यह रहा कि सांसद पूरे समय क्षेत्र में जनता के बीच में रहे।
उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें खत्म कराने की कोशिश भी की। जिसके चलते चुनाव में पार्टी को लेकर कोई नकारात्मक माहौल नहीं बन पाया था। पार्टी अब इसी फार्मूले के तहत मध्य प्रदेश सहित आने वाले सभी चुनावी राज्यों में काम करना चाहती है।
बता दें कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावो में इसी फार्मूले के तहत प्रत्येक सांसद को अपने लोकसभा क्षेत्र की कम से कम तीन सीटों को जिताने का टारगेट दिया था।
शिवराज ने सभी को दिया क्षेत्र में उतरने का मंत्र
पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मेंस के फार्मूले पर बात करते हुए मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ सांसद ने बताया कि पार्टी सांसदों की सोमवार रात दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे मिलती जुलती बाते सासंदों से कही। जिसमें उन्होंने पार्टी के सभी सांसदों से संसद सत्र समाप्त होने के बाद क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय देने की बात कही।
इस दौरान सीएम ने 14 अप्रैल से प्रदेश में शुरू हो रहे ग्रामोदय अभियान में बढ़-चढ़कर शामिल होने को कहा। बता दें कि मुख्यमंत्री जब सांसदों को यह टिप्स दे रहे थे, उस दौरान उनके साथ सगठन महामंत्री सुहाग भगत और प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार चौहान भी मौजूद थे।
अमित शाह के दिमाग की खोज है यह फार्मूला
पार्टी सूत्रों की मानें तो पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मेंस का यह फार्मूला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दिमाग की खोज है। जिसका प्रयोग उन्होंने यूपी में भी किया था। बता दे कि इससे पहले भी अमित शाह ने कई मौकों पर पार्टी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा था, कि अब राजनीति में रहना है, तो काम करना होगा।
फार्मूले की तैयारी से कई सांसदों की अटकी सांसे
अगले साल यानि वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा अपने सांसदों को पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मेंस फार्मूले के दायरे में लाने की तैयारी में प्रदेश के तमाम सासंदों में हड़कंप मचा है।
इस बारे में जब कुछ सांसदों से बात की गई, तो कोई भी खुल कर बोलने को तैयार नहीं था। उनका कहना था कि वह पहले ही पार्टी का काम पूरी ताकत से करते रहे है अब आगे भी करेंगे।
-बिल्कुल अच्छी पहल होगी। हम तो पहले से ही अपना सौ फीसदी देते रहे है। आगे भी पार्टी का जो निर्देश होगा, उसके तहत अच्छा करेंगे। –आलोक संजर, सांसद भोपाल।
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