पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ भोपाल –सुप्रीम कोर्ट में लंबित पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई अब होली के बाद होगी। दो सुनवाई से पार्टहर्ड (दूसरे मामले की सुनवाई) चल रहा है। इस वजह से गुरुवार को भी मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। जबकि शुक्रवार से कोर्ट के अवकाश शुरू हो रहे हैं। सपाक्स ने आरोप लगाया कि प्रदेश में ऐसे हालात सरकार की जिद के कारण बने हैं।
सपाक्स के प्रवक्ता शोएब सिद्दीकी का कहना है कि इस मुकदमे के कारण हजारों कर्मचारी बिना प्रमोशन ही रिटायर्ड हो चुके हैं। सरकारी दफ्तरों में कई कुर्सियां खालीं हैं, जो प्रमोशन से भरी जानी हैं। हालात यह बन गए हैं कि सरकारी व्यवस्था का यह मामला मप्र में वर्ग संघर्ष का कारण बनता जा रहा है। कर्मचारी चाहते हैं कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला हो, लेकिन शिवराज सिंह सरकार की कोशिश है कि इसे लंबे समय तक टाला जाए।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मप्र हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण को अवैध करार दिया है। इसके अलावा कई अन्य राज्यों में भी यह अवैध करार दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट भी इस तरह के पुराने मामलों पर फैसले सुना चुका है। माना जा रहा है कि उन्ही फैसलों के आधार पर मप्र का निर्णय होगा और आरक्षण के माध्यम से प्रमोशन प्राप्त कर्मचारी रिवर्ट किए जाएंगे।
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