यात्रियों की जांच कराई गई, जबकि इस बीच स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा रही। ‘नवदुनिया’ ने सभी प्लेटफार्म का जायजा लिया व ट्रेनों में स्लीपर व सामान्य श्रेणी के यात्रियों से बातचीत की। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन व सवार होने वाले स्टेशनों पर कहीं भी सुरक्षा को लेकर जांच या पूछताछ नहंी हुई।
दृष्य एक
प्लेटफार्म नंबर छह, एफओबी
रात के 10ः08 बजे थे। प्लेटफार्म 5 से 1 तक आने के लिए यात्रियों की भीड़ आ रही थी। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों के आने का समय हो रहा था। कालापीपल के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में 12 घंटे पहले हुए विस्फोट के बाद भी यहां कोई सुरक्षा कर्मी नहीं मिला। फुट ओवर ब्रिज पर सुरक्षाकर्मी नहीं मिले। यात्री आकर ट्रेनों में बैठ गए, लेकिन कहीं भी उनके सामान की जांच नहीं हुई।
दृष्य दो
प्लेटफार्म नंबर एक, मुख्य गेट
रात के 9ः03 बजे। यहां पर सुरक्षा के लिए एक डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) और यात्रियों के लगेज की जांच के लिए बैगेज स्कैनर लगाया गया है, लेकिन 5 मिनट में सिर्फ चार यात्रियों ने बैगेज स्कैनर में अपना सामान रखा। 40 यात्रियों ने अपने सामान की जांच नहीं कराई न ही उन्हें जांच कराने के लिए कहा गया। यहां पर बैगेज स्कैनर पर एक सुरक्षाकर्मी मौजूद था। इसके अलावा गेट में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं मिला।
दृष्य तीन
प्लेटफार्म नंबर एक, वीआईपी गेट
रात के 9ः35 बजे थे। जीआरपी थाने के पास से आने वाले वीआईपी गेट में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं मिला। यहां पर न तो डीएफएमडी लगा है न ही लगेज जांचने के दूसरे उपकरण । इक्का-दुक्का यात्री इस गेट से आते मिले। गेट से अंदर घुसने पर आरपीएफ एक सुरक्षाकर्मी खोजी कुत्ते के साथ मिला, लेकिन उससे सामान की जांच नहीं कराई जा रही थी।
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ट्रेन- निजामुद्ीन-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस
मैं झांसी से आ रहा हूं, नागपुर जाना है। झांसी में कोई जांच नहीं हुई। ट्रेन में अभी तक कोई पुलिस वाला नहीं आया।
बड़कू सूर्यवंशी, यात्री
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ट्रेन- रतलाम-भोपाल पैसेंजर
रतलाम से भोपाल आने तक मुझे कोई पुलिसवाला ट्रेन में नहंी मिला। स्टेशन पर दो-तीन घंटे से बैठे हैं, पर यहां भी कोई पूछताछ नहीं हुई।
दिनेश विश्वकर्मा, यात्री
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ट्रेन-पुष्पक एक्सप्रेस
मैं कल्याण स्टेशन से बैठा हूं। वहां कोई जांच नहंी हुई। इटारसी के पास एक सुरक्षाकर्मी आया था, लेकिन उसने न कुछ पूछा न देखा।
अरविंद पाल, यात्री
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ट्रेन-छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
झांसी से भोपाल आने तक कहीं भी कोई जांच नहीं हुई। डिब्बे में एक बार भी सुरक्षाकर्मी नहीं आया। हमारी सुरक्षा तो ऊपर वाले के भरोसे है।
अब्दुल मन्नार, यात्री
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ट्रेन- भोपाल एक्सप्रेस
मैं हबीबगंज से बैठा हूं, दिल्ली जाना है। कुछ पुलिस वाले ट्रेन में चढ़े हैं, पर जनरल डिब्बों में कोई नहीं आया। पहले इस ट्रेन में हमेशा गश्त होती थी।
संजय यादव, यात्री
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बिना सुरक्षा गार्ड हैं ट्रेनें
भोपाल होकर गुजरने वाली ट्रेनें- 160
आरपीएफ का सुरक्षा दस्ता- 25 से 40 ट्रेनों में
जीआरपी का सुरक्षा दस्ता- 60 से 80 ट्रेनों में
बिना सुरक्षा गार्ड की ट्रेनें 40 से 60
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