मंथन न्यूज़ भोपाल -राजधानी के एक स्कूल में पढ़ने वाले 12वीं के छात्र ने मंगलवार को काउंसलिंग सेंटर में फोन किया। उसने कहा साल भर पढ़ाई में मन नहीं लगा। परीक्षा नजदीक देख दूसरे विषयों की थोड़ी-बहुत पढ़ाई कर ली है, पर गणित और अंग्रेजी पढ़ने का अब समय नहीं है। कोर्स कैसे कवर करें। काउंसलर ने बताया कि पुराने प्रश्नपत्र हल करें। पढ़ाई के लिए ब्लू प्रिंट (शेड्यूल) बनाएं। जो सब्जेक्ट कमजोर हैं उनमें ज्यादा फोकस करें।
केस 2ः
दोस्तों के छूटने का डर
भोपाल में ही एमपी बोर्ड के एक स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाली छात्रा को दोस्तों से बिछुड़ने का डर ज्यादा है। छात्रा ने कहा कि 11 वीं में सब्जेक्ट बदलने के बाद ज्यादातर दोस्त छूट जाएंगे। कई दोस्तों का स्कूल ही बदल जाएगा। यह सोचकर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है। काउंसलर्स ने समझाया कि इस समय ज्यादा ध्यान पढ़ाई पर देना चाहिए। दोस्तों के संपर्क में रहने के फोन, वाट्सएप और फेसबुक जैसे दूसरे तरीके भी हैं।
केस 3ः
ज्यादा पढ़ाई से बीमार पड़ गए
12 वीं के एक छात्र ने कहा, परीक्षा के चलते इतनी मेहनत हो रही है कि सो नहीं पा रहा हूं। पूरे समय सिरदर्द रहता है। टाइम मैनजमेंट कैसे करें। काउंसलर ने बताया कि सब्जेक्ट के अुनसार पढ़ाई करें। जो सब्जेक्ट ज्यादा तैयार हैं, उनका रिवीजन करें। तनाव से बचने के लिए योग और ध्यान करें। माता-पिता भी बच्चों को ज्यादा मेहनत के लिए दबाव न डालें।
केस 4ः
माता-पिता घूमने नहीं देते
सीबीएसई स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्र का कहना है कि माता-पिता घूमने नहीं देते न ही दोस्तों से मिलने देते हैं। पूरे समय पढ़ाई में मन नहीं लगता नहीं। काउंसलर्स ने माता-पिता की काउंसलिंग कर बताया कि हर बच्चे की क्षमता अलग-अलग होती है। लिहाजा, उसकी क्षमता के अुनसार की ही पढ़ाई करने दें। दूसरे बच्चों की तरह बनने की सलाह न दें।
भोपाल। नवदुनिया न्यूज
इस समय छात्र परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। कोई रात में जाग कर पढ़ रहा है तो कोई दिन में, लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा की तिथि नजदीक आ रही छात्रों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं। डर भी सता रहा है। किसी को पास होने का तो किसी को अच्छे अंक लाने का। छात्र काउंसलर्स से सलाह ले रहे हैं कि कम समय में बेहतर पढ़ाई कैसे करें। जेपी अस्पताल स्थित एडालसेंट काउंसलिंग सेंटर में हर दिन करीब 120 कॉल आ रहे हैं। काउंसलर्स ने बताया कि छात्रों को कम समय में बेहतर पढ़ाई के तरीके बताए जाते हैं। साथ ही कई बार उनके माता-पिता की भी काउंसलिंग की जाती है। एडोलसेंट काउंसलिंग सेंटर की काउसंलर अभिलाषा शुक्ला ने बताया जैसे-जैसे परीक्षा के दिन नजदीक आ रहे हैं, छात्रों का डर बढ़ता जा रहा है।
काउंसलर्स की सलाह
-प्री बोर्ड परीक्षा में अंक कम आने पर बच्चों पर ज्यादा दबाव न डालें।
-उनकी निगरानी करें, पर छोटे-छोटे काम में दोषियों की तरह व्यवहार न करें।
-दूसरे बच्चों की तरह बनने के लिए बार-बार न बोलें न ही हतोत्साहित करें।
-छात्र प्लानिंग से पढ़ाई करें।
-ज्यादा नंबर लाने की होड़ में न रहें, पढ़ाई की क्वालिटी पर ध्यान दें
पूनम पुरोहित
Manthan News Just another WordPress site