मंथन न्यूज़ भोपाल –हबीबगंज-इटारसी के बीच तीसरी लाइन पर ट्रेनें जल्दी नहीं दौड़ पाएगी। बरखेड़ा-बुदनी के बीच 33 किमी के घाट सेक्शन में फॉरेस्ट की क्लियरेंस नहीं मिलने के चलते बजट में इस सेक्शन के लिए केवल 2 करोड़ रुपए मिले हैं। जबकि हबीबगंज से बरखेड़ा और बुदनी से इटारसी सेक्शन के लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इन दोनों सेक्शन में तीसरी लाइन बिछ जाए तब भी इसका फायदा जल्दी नहीं मिलेगा।
बजट में हबीबगंज से बरखेड़ा के बीच 41.420 किमी के सेक्शन में तीसरी लाइन के लिए 50 करोड़ रुपए मिले हैं। बुदनी से इटारसी के बीच 25.09 किमी सेक्शन के लिए भी 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। दोनों सेक्शन में पहले ही 30 फीसदी काम हो चुका है। राशि मिलने से काम में और तेजी आएगी। लेकिन सबसे जरूरी बरखेड़ा-बुदनी के बीच 33 किमी के सेक्शन को महज 2 करोड़ रुपए मिले हैं। इस सेक्शन में फॉरेस्ट की क्लियरेंस नहीं मिलने के चलते काम शुरू ही नहीं हो पाया है। इस वजह से बजट में कटौती की गई है।
287 करोड़ का सेक्शन 875 करोड़ का हुआ
बरखेड़ा-बुदनी सेक्शन में समय बढ़ने के साथ लागत भी लगातार बढ़ रही है। सर्वे के बाद तीन साल पहले सेक्शन की लागत 287 करोड़ रुपए आंकी गई थी। फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। दो महीने पहले हुए सर्वे में सेक्शन की लागत बढ़कर 875 करोड़ रुपए हो गई है। बोर्ड को प्रस्ताव भी भेज दिया है लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।
वन मंत्रालय की सलाह ग्रीन कॉरिडोर बनाओ, रेलवे बैरिकेडिंग के लिए तैयार
बरखेड़ा-बुदनी सेक्शन में सबसे ज्यादा फॉरेस्ट एरिया है, जो रातापानी वन्यजीव और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से जुड़ा है। यहां बाघ, तेंदुए समेत दूसरे वन्यजीवों का मूवमेंट है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों की सलाह है कि रेलवे सेक्शन में लाइन के साथ-साथ ग्रीन कॉरिडोर बनाएं, ताकि वन्यजीवों का मूवमेंट प्रभावित न हो। जबकि रेलवे बोर्ड के अधिकारी इस सेक्शन में बैरिकेडिंग के लिए तैयार हैं। इस बीच सेक्शन में दो बाघ और एक तेंदुए की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।
घाट सेक्शन में तीसरी लाइने के फायदे
– बरखेड़ा-बुदनी के बीच डाउन ट्रैक (भोपाल की तरफ) पर ट्रेनें 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। कुछ स्थानों पर रफ्तार इससे भी कम हो जाती है। इसे पार करने में 20 से 25 मिनट लगते हैं। नए ट्रैक को आधुनिक बनाया जाएगा। जिसके बाद सेक्शन में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
– हबीबगंज-इटारसी के बीच ट्रैफिक डेंसिंटी डेढ़ गुना अधिक है। यानी, क्षमता से अधिक ट्रेनें चलती हैं। जिसके कारण ट्रेनों को रोकना पड़ता है। नई लाइन से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी।
पूनम पुरोहित
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