डांट से परेशान होकर लड़की घर से भागी. दूसरे प्रदेश के स्टेशन पहुंची तो वहां बदमाशों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी. उनसे बचने के लिए घबराकर ट्रैक पर दौड़ लगाई तो वो ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे एक झटके में उसने अपने दोनों पैर खो दिए.
दर्द से तड़पती युवती को सही इलाज की सख्त जरूरत थी, लेकिन यहां भी उसे स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था का शिकार होना पड़ा. थक हारकर अब पीड़िता ने सीएम को पत्र लिखकर मदद मांगी है, ताकि वो एक बार फिर चल सके.दरअसल, ये पूरा मामला एमपी के होशंगाबाद जिले का है, जहां सोहागपुर निवासी 23 वर्षीय युवती पिता के डांटने पर नाराज होकर अपने घर से भाग गई और ट्रेन के जरिए पटना जा पहुंची.
स्टेशन पर उतरकर वो जब दूसरी ओर जाने लगी तो कुछ बदमाश उसके पीछे पड़ गए और उससे छेड़खानी करने लगे. उनसे बचने के लिए उसने पटरी पर दौड़ लगा दी. इस दौरान वो पीछे से आ रही एक ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे उसके दोनों पैर कट गए.
घंटों ट्रैक पर पड़े रहने के बाद लोगों और पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया. लड़की से पूछताछ कर पुलिस ने उसके माता-पिता के बारे में जानकारी हासिल की और उन्हें घटना के बारे में सूचित किया.
अभिभावक पटना पहुंचे और अपनी बेटी को होशंगाबाद ले आए. यहां उसे ठीक इलाज नहीं मिलने पर इंफेक्शन बढ़ने लगा और हालत बिगड़ती चली गई. बेटी को बचाने के लिए उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल ले आया गया, लेकिन यहां भी उसे इलाज और दवाइयों के लाले पड़े हुए हैं.

सीएम को पत्र लिख मांगी मदद
पीड़िता ने अब सीएम शिवराज सिंह को चिट्ठी लिखते हुए मदद मांगी है. उसने लिखा कि वो हादसे में सबकुछ गंवा चुकी है. जरा सा दर्द होने पर माता-पिता घबरा जाते हैं. अस्पताल में भी दवाई की कमी है, जिस वजह से बाहर से महंगी दरों पर दवाई लाना पड़ती है. आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वो ऐसे उपचार करा सके. युवती ने आगे लिखा कि वो वापस अपने पैरों पर खड़ी होने चाहती है. यदि सीएम मदद कर सकें तो बड़ी कृपा होगी.

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