लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर नेताओं ने परिजनों को टिकट दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए।भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के पहले ही गाइडलाइन बना दी थी कि वंशवाद अब नहीं चलेगा। जिस किसी भी लीडर को अपने बेटे-बेटी को टिकट दिलाना है, वे लिखकर दे दें कि खुद के लिए टिकट नहीं मांगेगे। इस आधार पर डॉ. गौरीशंकर शेजवार, हर्ष सिंह, सासंद लक्ष्मीनारायण यादव सहित कुछ नेताओं के परिजनों को टिकट दिया गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर नेताओं ने परिजनों को टिकट दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव अपने बेटे अभिषेक के टिकट के लिए कह रहे हैं कि उसका हक है टिकट मांगना। गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम को लोकसभा चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह को विदिशा से टिकट दिलवाने की मुहिम चला रहे हैं।
गौर का टिकट काटकर दिया बहू को
विधानसभा चुनाव में नेता पुत्रों को टिकट देने में भाजपा ने सख्त रवैया अपनाया था। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को पार्टी ने इस शर्त के साथ टिकट दिया था कि वे खुद के लिए टिकट नहीं मांगेगे। इसी तरह पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को भी पार्टी ने अंतिम क्षणों में प्रत्याशी बनाया था। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र भी राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया।
इनके नाम चर्चा में
अभिषेक भार्गव – गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक युवा मोर्चा में वे उपाध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी अभिषेक ने दमोह से टिकट मांगा था। 2014 में अरविंद मेनन अभिषेक के टिकट पर सहमत थे पर हाईकमान ने यहां से प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाने का फैसला कर दिया।
मौसम बिसेन – गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम को बालाघाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाना चाहते हैं। विस
चुनाव में वे खुद और बेटी के लिए दो टिकट मांग रहे थे, लेकिन सांसद बोधसिंह भगत के विरोध और पार्टी लाइन के
कारण सफल नहीं हो पाए। अब बिसेन समर्थक मौसम के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
नंदिता पाठक- चित्रकूट में पंडित दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष भरत पाठक की पत्नी नंदिता पाठक भी खजुराहो से टिकट की दौड़ में हैं। 2018 में हुए चित्रकूट उपचुनाव में भी नंदिता की दावेदारी उभरी थी। इस सीट के सांसद नाग्रेंद्र सिंह को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उतारा था और वे जीत भी गए हैं।
लक्ष्मीनारायण यादव- सागर के सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के पुत्र सुधीर यादव को भी सुरखी से टिकट इसी शर्त के साथ दिया गया था कि वे खुद के लिए सागर से टिकट की दावेदारी नहीं करेंगे। पार्टी सागर से प्रत्याशी बदलना
चाहती है पर अब यादव फिर एक बार टिकट की दौड़ में सक्रिय हो गए हैं।
आंतरिक लोकतंत्र मजबूत
टिकट की आकांक्षा रखना सभी कार्यकर्ताओं का अधिकार है। उनके इस अधिकार का आंकलन वरिष्ठ नेता
पारदर्शी तरीके से करते हैं। पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र मजबूत है, जिसके माध्यम से हमने कांग्रेस के वंशवादी
रवैए को चुनौती दे रखी है- डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश प्रभारी भाजपा
मप्र लोकसभा चुनाव: गाइडलाइन के बाद भी भाजपा नेता बेटे-बेटियों के लिए मांग रहे टिकट
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