नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकेल कसने के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान जाने वाले पानी को बंद करने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के बागपत में कहा कि पाकिस्तान जाने वाली तीन नदियों में से एक का पानी बंद किया जाएगा। इस पानी को यमुना में लाया जाएगा। इससे यमुना का जलस्तर भी बढ़ जाएगा।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद उठ रही है मांग
पाकिस्ताम समर्थिक आतंकियों की ओर से हो रहे बार-बार हमलों के बाद कई बार पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों का पानी रोकने की मांग उठ चुकी है। अब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद यह मांग उठी है। कई संगठन पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौता रद्द करने की मांग कर रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पानी के भंडारण की व्यवस्था होने के कारण भारत अभी तक यह कदम नहीं उठा पाया है। यदि भारत पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी को दूसरी नदियों में समायोजित कर रोक सकता है तो यह भारत का पाकिस्तान ने खिलाफ बड़ा कदम होगा।
खत्म किया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ रोष है। पूरा देश एकजुट होकर सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। सरकार ने सबसे पहले पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने के लिए उसका मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा समाप्त कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान का MFN का दर्जा समाप्त करने का फैसला 23 साल बाद लिया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सामान पर 200 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया है।
व्यापारियों ने बंद किया आयात-निर्यात पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद व्यापारियों ने पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात बंद कर दिया है। यही कारण है कि कई व्यापारियों ने पाकिस्तान से आने वाले सीमेंट को लौटा दिया है। इसके अलावा भारतीय कारोबारियों ने पाकिस्तान जाने वाले कई जरूरी सामान को रोक लिया है। इससे पाकिस्तान में इन सामानों की कीमतों में अचानक वृद्धि दर्ज की गई है। कई व्यापारी संगठनों ने आतंक का खात्मा होने तक पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का व्यापार नहीं करने की बात कही है।