सबसे ज्यादा उम्मीद आयकर छूट की सीमा बढ़ाने को लेकर है। अभी साल में ढाई लाख रुपये तक की आमदनी पर ही आयकर में छूट मिलती है। सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दिए आरक्षण में आठ लाख रुपये कमाने वालों को गरीब माना है। ऐसे में लोग चाहते हैं कि आयकर छूट की सीमा आठ लाख रुपये तो कर ही दी जाए। सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारी आयकर छूट सीमा बढ़ाने पर सहमत हैं। सूत्रों का कहना है कि वेतनभोगियों को खुश करने के लिए आयकर कानून की धारा-80 सी के तहत निवेश पर छूट डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाई जा सकती है।
बढ़ सकता है स्वास्थ्य क्षेत्र पर आवंटन
अंतरिम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ सकता है। वहीं, हर फसल की बुवाई से पहले एक निश्चित रकम सीधे किसानों के खाते में भेजने की व्यवस्था दी जा सकती है। गरीबों के लिए यूनिवर्सल बेसिक स्कीम (यूबीआई) को अमलीजामा पहनाया जा सकता है।
जुलाई में पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण
इस बार अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर कोई आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया गया। नई सरकार बनने के बाद जुलाई में आर्थिक सर्वेक्षण के साथ पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था किस तरफ जा रही है।
साल में आठ लाख रुपये तक आयकर से छूट।
यूनिवर्सल बेसिक इनकम में साल में 12,000 रुपये।
सबसे लिये मुफ्त स्वास्थ्य सेवा।
छोटे कारोबारियों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज।
निवेश पर कर छूट की सीमा में बढ़ोतरी।
2005-06 में बंद की गई स्टैंडर्ड डिडक्शन सुविधा शुरू की जाए।
चिकित्सा खर्च की करमुक्त प्रतिपूर्ति की सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाना। अंतिम बार 1998-99 में बढ़ी थी।
कर मुक्त क्रेच अलाउंस शुरू किया जाए।
एनपीएस खाते से कर मुक्त निकासी की सीमा 40 से बढ़ाकर 60 फीसदी करना।
वरिष्ठ नागरिकों को निवेश पर मिले ज्यादा ब्याज।
बजट में संभावित घोषणाएं
साल में 4-5 लाख रुपये तक आयकर से छूट।
यूबीआई में 4-8 हजार रुपये सालाना।
आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाना।
प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह छोटे कारोबारियों के लिए ब्याज में सब्सिडी।
आयकर कानून की धारा-80 सी के तहत 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी।