भोपाल। मध्यप्रदेश में हाईस्कूल शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। पहले परीक्षा की तारीख घोषित की गई, अब एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए गए हैं। इसी के साथ अतिथि शिक्षकों का सब्र टूटता जा रहा है। पिछले दिनों उन्होंने परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी, अब उनका कहना है कि हमें परीक्षा से एतराज नहीं हैं परंतु मुख्यमंत्री के वचन और पूर्व मुख्यमंत्री की गारंटी के कारण हमने तैयारी ही नहीं की। हमारे साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ रायसेन के कार्यकारी अध्यक्ष राम लखन लोधी के अनुसार कांग्रेस पार्टी चुनाव से पूर्व और अब भी व्यापम की कार्य प्रणाली को संदेह के घेरे में रखती रही है। सभी कैबिनेट मन्त्री अब तक अतिथि शिक्षकों को नियमित करने और परीक्षा रद्द करनें की बात कह चुके हैं लेकिन पहले परीक्षा की तिथि घोषित हुई, अब प्रवेश पत्र भी निकलना प्रारम्भ होने लगे हैं। परीक्षा से किसी को ऐतराज़ नहीं है किन्तु नवनिर्वाचित सरकार को नीति स्पष्ट करनी चाहिये।
पूर्व सरकार के द्वारा ठीक आचार संहिता के लगने के पहले माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परिक्षा फॉर्म भरवा दिये जिसके कई बड़े प्रमुख कारण थे, एक तो आक्रोशित अतिथि शिक्षकों को परीक्षा के मायाजाल में फ़ंसाना, दूसरा फ्रेश बीएड /डीएड को व रनिंग को भी परीक्षा देने का अवसर दिया जाना व बेरोजगार युवकों को साधना, साथ ही साथ सरकार आयी तो ठीक नहीं आयी तो नयी सरकार के सर में अपना इस विसंगती पूर्ण भर्ती का बोझ लाद देना जिसका सामना मौजूदा सरकार को करना पड़ रहा है।
माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के द्वारा 12 नवम्बर को प्रेस कांफ्रेंस कर सम्पूर्ण जिला अध्यक्षों एवम् मीडिया के सामने अतिथि शिक्षकों को गुरुजी की भांति नियमित करने का वचन भी दे चुके है और ये बात बचन पत्र में भी है, उस कार्यक्रम में माननीय दिग्विजय सिंह जी के द्वारा भी अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की गारंटी ली गई थी। माननीय मुख्यमंत्री जी प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देने की बात कह चुके है जिसमें संशोधन करना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री महोदय नया चयन आयोग भी बनाने की बात कह चुके है ऐसे में अतिथि शिक्षक का तैयारी न करना स्वाभाविक था। अतिथि शिक्षक नियमित रूप से बच्चों का भविष्य बनाने के लिये कार्य करते रहे है और लगातार ईमानदारी के साथ कर रहे है लेकिन उन्हें क्या पता था की अचानक से परीक्षा की तिथि जारी हो जायेगी। जो हो रहा है उसकी जिम्मेदारी लेने वाला प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के अलावा कोई नहीं है। सरकार और बोर्ड अलग-अलग कैसे हो सकते है।
संशय का घोर कुहासा छाया हुआ है। मन्त्री गण अतिथि शिक्षकों से हमदर्दी जता रहे है और जल्द ही परीक्षा निरस्त करने की बात कह रहे है, लेकिन कब तक इसका उत्तर किसी के पास नहीं है। अतः माननीय मुख्यमंत्री जी से करबद्ध निवेदन जल्द से जल्द इस भर्ती को निरस्त कर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की कृपा करे।