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देश चल रहा हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा, काबिले गौर हुई सियासत

प्रदेश चल रहा हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा, काबिले गौर हुई सियासत

भोपाल : प्रदेश में इन दिनों हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा चल रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने एक बार फिर सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार कभी भी दिख सकती है।

भाजपा कार्यालय में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि यदि केंद्र में फिर से मोदी सरकार बनती है तो क्या प्रदेश में भाजपा की सरकार दिखेगी, इसके जवाब में राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में कभी भी भाजपा की सरकार दिख सकती है, कांग्रेस के कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय कह चुके हैं कि जब बॉस का ऑर्डर होगा तो एक दिन में सरकार बना लेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगा चुके हैं। इन बयानों पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा पहले दिन से सरकार बनाने की तिकड़म कर रही है,विधायकों को खरीदने की भी भरपूर कोशिश की गई, भाजपा खुद का अस्तित्व बचाने के लिए ये बयानबाजी कर रही है,कांग्रेस की सरकार मजबूत है और पूरे पांच साल चलेगी, भाजपा को अपना घर बचाने की चिंता करनी चाहिए क्योंकि उनके कई विधायक हमारे संपर्क में हैं।

ये माना जा रहा है कि सरकार चलाने और गिराने के बयानों का ये पूरा पॉलिटिकल ड्रामा लोकसभा चुनाव को देखते हुए चल रहा है। भाजपा नौकरशाही पर बयानों के जरिए ये दबाव डालना चाहती है कि आगे उसकी सरकार बनने वाली है ताकि चुनावों में उसके खिलाफ असहयोगात्मक रवैया न रहे। वहीं कांग्रेस अपनी मजबूती का दावा कर उसी ब्यूरोक्रेसी को ये भरोसा दिला रही है कि सरकार उसी की रहेगा जिससे अधिकारी दबाव में न आ पाएं।

काबिले-गौर सियासत : 
दूसरा बड़ा ड्रामा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निवास पर चल रहा है। दिग्विजय के लोकसभा चुनाव लडऩे के ऑफर के बाद गौर ने फिर एक नया शिगूफा छोड़कर भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। गौर ने मीडिया से कहा कि अब भाजपा कुशाभाउ ठाकरे की पार्टी नहीं रह गई है,आज पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। गौर ने कहा कि रघुनंदन शर्मा,राघवजी,सरताज सिंह और रामकृष्ण कुसमरिया जैसे नेताओं को हाशिए पर ढकेल दिया गया। इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी नुकसान होगा। बाबूलाल गौर से मिलने खेल मंत्री जीतू पटवारी पहुंचे तो गौर ने उनको कमलनाथ की तस्वीर की तरफ इशारा कर कहा कि ये मेरे नेता हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि गौर की बेबाकी का मैं मुरीद हंू। गौर के इस रवैये से समझा जा रहा है कि वे एक बार फिर भाजपा पर प्रेशर पॉलिटिक्स अपना रहे हैं। उनके मन में भोपाल से लोकसभा चुनाव लडऩे की चाह हो सकती है। वे पहले ही कह चुके हैं कि यदि वे विधानसभा चुनाव के समय दबाव नहीं बनाते तो बहू कृष्णा गौर को टिकट नहीं मिलता। गौर के बयानों पर राकेश सिंह ने कहा कि पार्टी में न झिझक है और न संकोच,जब जिस दिन पार्टी को ये लगेगा कि अनुशासन की सीमाएं पार हो रही हैं तो निर्णय लेने में एक पल भी नहीं लगेगा।

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