भोपाल. उनका वेतन एक लाख से डेढ़ और दो लाख रुपए तक है, उनका काम उच्च शिक्षा लेने महाविद्यालयों मे पहुंची एक पूरी पीढ़ी को निखारने का है, लेकिन ऐसे प्राध्यापक किसी अनजाने से संस्थान में बाबूगिरी से लेकर पर्यटन और व्यक्तित्व विकास जैसे प्रकोष्ठ में समय काटने में लगे हुए हैं। अपना मूल अध्यापन कार्य छोड़कर विभिन्न विभागों, विश्विद्यालय, संस्थाओ में जमे 50 प्राध्यापकों की प्रतिनियुक्ति सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दी। विभाग की ओर से जारी आदेश में शामिल इन प्राध्यापकों को अपने मूल कार्य के लिए आमद देनी होगी। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने नूतन कॉलेज के निरीक्षण के समय उच्च शिक्षा विभाग के बाहर जमे प्राध्यापकों की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के निर्देश दिए थे।
ये कब लौटेंगे
इन प्राध्यापकों के अतिरिक्त सतपुड़ा, वल्लभ भवन, रीजनल असिस्टेंट संचालक आफिस से लेकर रूसा (राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अनुदान संस्थान) और वल्र्ड बैंक और ऐसे ही अन्य संस्थानों में भी 60 से 70 और प्राध्यापक अब भी प्रतिनियुक्ति के नाम पर जमे हुए हैं। इस आदेश के बाद इनकी वापसी की भी चर्चाएं शुरू हो गई है।
इनकी प्रतिनियुक्ति हुई समाप्त
प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन से कैलाश प्रसाद साहू, अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय से रजिस्ट्रार सुनील कुमार पारे, सर्वदमन सिंह, अनिल सिवानी एवं रेखा रॉय, मप्र भोज मुक्त विवि से अंजलि अग्रवाल, शरद कुमार भदौरिया, एलपी झारिया, देवेन्द्र सिंह सोलंकी, नीलम वासिक एवं आदित्य कुमार त्रिपाठी, डॉ.़ बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी से आदित्य लूनावत एवं अनुपम रावत, पीएससी सेएग्जाम कंट्रोलर पूनम चंद यादव एवं मदन लाल गोखरू (जैन), नरोन्हा एकेडमी ऑफ एडमिनेस्ट्रिेशन से प्रमोद चतुर्वेदी, संस्कृति मत्रालय से सीमा दिकाते, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से सुनील कुमार झा, पंडित कुंजीलाल दुबे, राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ से प्रतिमा यादव, रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से अलकेश चतुर्वेदी, टूरिज्म से मनोज कुमार सिंह, मप्र वक्फ बोर्ड से युनूस खान, आफिस ऑफ एडिशनल डायरेक्टर, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा संस्थान रायपुर से सुनीता जैन, छत्तीसगढ़ दुर्ग के शासकीय कुर्सीपार कॉलेज से निभा ठाकुर एवं छत्तीसगढ़ के ही उच्च शिक्षा विभाग से आरती गुप्ता सहित हिंदी ग्रंथ अकादमी से एसबी गोस्वामी एवं व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ से आनंद सिंह, पीके खरे एवं मनोज अग्निहोत्री की सेवाएं वापस ली गई हैं।
प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन से कैलाश प्रसाद साहू, अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय से रजिस्ट्रार सुनील कुमार पारे, सर्वदमन सिंह, अनिल सिवानी एवं रेखा रॉय, मप्र भोज मुक्त विवि से अंजलि अग्रवाल, शरद कुमार भदौरिया, एलपी झारिया, देवेन्द्र सिंह सोलंकी, नीलम वासिक एवं आदित्य कुमार त्रिपाठी, डॉ.़ बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी से आदित्य लूनावत एवं अनुपम रावत, पीएससी सेएग्जाम कंट्रोलर पूनम चंद यादव एवं मदन लाल गोखरू (जैन), नरोन्हा एकेडमी ऑफ एडमिनेस्ट्रिेशन से प्रमोद चतुर्वेदी, संस्कृति मत्रालय से सीमा दिकाते, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से सुनील कुमार झा, पंडित कुंजीलाल दुबे, राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ से प्रतिमा यादव, रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से अलकेश चतुर्वेदी, टूरिज्म से मनोज कुमार सिंह, मप्र वक्फ बोर्ड से युनूस खान, आफिस ऑफ एडिशनल डायरेक्टर, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा संस्थान रायपुर से सुनीता जैन, छत्तीसगढ़ दुर्ग के शासकीय कुर्सीपार कॉलेज से निभा ठाकुर एवं छत्तीसगढ़ के ही उच्च शिक्षा विभाग से आरती गुप्ता सहित हिंदी ग्रंथ अकादमी से एसबी गोस्वामी एवं व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ से आनंद सिंह, पीके खरे एवं मनोज अग्निहोत्री की सेवाएं वापस ली गई हैं।