नई दिल्ली। सरकार ने मुस्लिमों में तत्काल तीन तलाक की परंपरा को प्रतिबंधित करने व ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल के प्रावधान वाला अध्यादेश फिर से जारी कर दिया है।
इससे पहले यह सितंबर 2018 में जारी किया गया था। दिसंबर में लोकसभा से पारित हो चुका संबंधित विधेयक राज्यसभा में अटक गया है इसलिए यह कदम उठाना पड़ा।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण कानून) 2019 अध्यादेश शनिवार को जारी किया गया। विधेयक को संसद से मंजूरी नहीं मिल पाने के कारण एक बार फिर अध्यादेश के जरिये तीन तलाक को अवैध घोषित किया गया है।
जमानत का प्रावधान किया प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग की आशंका को दूर करते हुए सरकार ने इसमें कुछ संरक्षण के उपाय किए हैं। इनमें आरोपित को जमानत देने का भी प्रावधान किया गया है।
इन संशोधनों को कैबिनेट ने 29 अगस्त, 2018 को मंजूरी दे दी थी। अध्यादेश में जहां तत्काल तीन तलाक को गैरजमानती अपराध बनाया गया है वहीं आरोपित को ट्रॉयल शुरू होने से पहले मैजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत की अर्जी दायर करने का भी अधिकार दिया गया है।
जमानत का प्रावधान किया प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग की आशंका को दूर करते हुए सरकार ने इसमें कुछ संरक्षण के उपाय किए हैं। इनमें आरोपित को जमानत देने का भी प्रावधान किया गया है।
इन संशोधनों को कैबिनेट ने 29 अगस्त, 2018 को मंजूरी दे दी थी। अध्यादेश में जहां तत्काल तीन तलाक को गैरजमानती अपराध बनाया गया है वहीं आरोपित को ट्रॉयल शुरू होने से पहले मैजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत की अर्जी दायर करने का भी अधिकार दिया गया है।
