भोपाल. नए साल में प्रदेश भाजपा संगठन में बड़े बदलाव हो सकते हैं। संगठन के तीन प्रमुख पदों प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री और सह संगठन महामंत्री में से दो पर आलाकमान नए चेहरे ला सकता है। मध्यप्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने से कुछ ही कदम दूर रह गई भाजपा में बाहर से भले ही शांति नजर आ रही हो, लेकिन संगठन के भीतर और खासकर दिल्ली में खासा भूचाल है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर पद छोडऩे के लिए गुहार लगा चुके हैं। राकेश सिंह ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना असमर्थता जताई है। विधानसभा चुनाव में महाकौशल की 38 में से 25 सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं। भाजपा को सिर्फ 13 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। उधर, जबलपुर लोकसभा क्षेत्र से ही दो कांग्रेसी विधायकों को कमलनाथ मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है। ऐसे में राकेश सिंह के लिए महाकौशल में लोकसभा चुनाव में भाजपा की परफार्मेंस सुधारने के साथ ही अपनी सीट पर भी कड़ी मशक्कत करने की जरूरत है। राकेश ने इसी तर्क को आधार बनाकर अमित शाह से अध्यक्ष पक्ष छोडऩे की गुजारिश की है। इससे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान भी लोकसभा चुनाव का हवाला देकर ही पद से हटे थे।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर पद छोडऩे के लिए गुहार लगा चुके हैं। राकेश सिंह ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना असमर्थता जताई है। विधानसभा चुनाव में महाकौशल की 38 में से 25 सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं। भाजपा को सिर्फ 13 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। उधर, जबलपुर लोकसभा क्षेत्र से ही दो कांग्रेसी विधायकों को कमलनाथ मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है। ऐसे में राकेश सिंह के लिए महाकौशल में लोकसभा चुनाव में भाजपा की परफार्मेंस सुधारने के साथ ही अपनी सीट पर भी कड़ी मशक्कत करने की जरूरत है। राकेश ने इसी तर्क को आधार बनाकर अमित शाह से अध्यक्ष पक्ष छोडऩे की गुजारिश की है। इससे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान भी लोकसभा चुनाव का हवाला देकर ही पद से हटे थे।
– शर्मा और मटाले के नाम संगठन महामंत्री के लिए चर्चा में
सुहास भगत प्रदेश संगठन महामंत्री के रूप में अरविंद मेनन की तुलना में काफी कमजोर साबित हुए हैं। विपक्ष में बैठी पार्टी और सामने लोकसभा चुनाव को देखकर संगठन इस पद पर बदलाव कर सकता है। विद्याभारती से जुड़े हितानंद शर्मा, चंद्रशेखर झा और महाकौशल के क्षेत्रीय प्रचारक राजकुमार मटाले के नाम चर्चा में है। मटाले ने बालाघाट में प्रचारक सुरेश यादव की पुलिस द्वारा पिटाई के मामले में संघ के समर्थन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। झा, शिवराज के कहने पर बुदनी में विधानसभा चुनाव के दौरान काम में जुटे थे। इसके साथ ही अभय महाजन, पराग अभ्यंकर, पवन तिवारी के नाम भी चर्चा में हैं। सह संगठन महामंत्री अतुल राय की चुनाव में निष्क्रियता को भी केंद्रीय संगठन ने सक्रियता से लिया है। इनकी कुछ शिकायतें भी आलाकमान तक पहुंची हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले इन पर भी गाज गिर सकती है।
– प्रदेश संगठन की टीम पर भी सवाल
मौजूदा प्रदेशस्तरीय टीम के कुछ सदस्यों की निष्क्रियता और विवादित शैली को लेकर भी केंद्रीय संगठन गंभीर है। इसमें एक पदाधिकारी के कथित ऑडियो से हुए विवाद और उसकी लगातार चल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। इसके साथ ही कुछ ऐसे प्रदेश पदाधिकारी भी है, जो अपना चुनाव ही हार गए हैं। संगठन लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश पदाधिकारियों में कुछ युवा चेहरे ला सकता है।
– संभागीय संगठन मंत्रियों को भी हटाया जाएगा
भाजपा हाईकमान ने प्रदेश संगठन मंत्रियों का भी रेकॉर्ड तलब किया है। पार्टी ने अरविंद मेनन को हटाकर उनकी जगह प्रांत प्रचारक रहे सुहास भगत को संगठन महामंत्री बनाया था। भगत ने आते ही सह-संगठन महामंत्री के पद पर अतुल राय की नियुक्ति की थी, लेकिन प्रदेश संगठन मंत्रियों को यथावत रखा गया। इनमें इंदौर संभाग से जयपाल चावड़ा, उज्जैन संभाग से प्रदीप जोशी, भोपाल-सागर संभाग से आशुतोष तिवारी, ग्वालियर-चंबल से शैलेन्द्र बरुआ, नर्मदापुरम संभाग से श्याम महाजन, शहडोल-रीवा संभाग से जितेन्द्र लिटौरिया और महाकौशल से केशव भदौरिया शामिल हैं। इनके क्षेत्र में पार्टी की हार और इनकी भूमिका को लेकर मंथन हो रहा है। ऐसे में इनमें से कुछ संगठन मंत्रियों की छुट्टी होना तय माना जा रहा है।
– चार को प्रदेश कार्यालय में बड़ी बैठक
लोकसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी नियुक्त किए गए सतीश उपाध्याय चार जनवरी को भोपाल पहुंच रहे हैं। उनके साथ ही राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह भी इसी दिन भोपाल पहुंच सकते है। हालांकि, अभी यादव और स्वतंत्र देव का कोई कार्यक्रम प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचा है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रारंभिक रणनीति बन सकती है। वहीं, विधायक दल की बैठक भी पार्टी सत्र शुरू होने के पहले किसी दिन रख सकती है।
सुहास भगत प्रदेश संगठन महामंत्री के रूप में अरविंद मेनन की तुलना में काफी कमजोर साबित हुए हैं। विपक्ष में बैठी पार्टी और सामने लोकसभा चुनाव को देखकर संगठन इस पद पर बदलाव कर सकता है। विद्याभारती से जुड़े हितानंद शर्मा, चंद्रशेखर झा और महाकौशल के क्षेत्रीय प्रचारक राजकुमार मटाले के नाम चर्चा में है। मटाले ने बालाघाट में प्रचारक सुरेश यादव की पुलिस द्वारा पिटाई के मामले में संघ के समर्थन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। झा, शिवराज के कहने पर बुदनी में विधानसभा चुनाव के दौरान काम में जुटे थे। इसके साथ ही अभय महाजन, पराग अभ्यंकर, पवन तिवारी के नाम भी चर्चा में हैं। सह संगठन महामंत्री अतुल राय की चुनाव में निष्क्रियता को भी केंद्रीय संगठन ने सक्रियता से लिया है। इनकी कुछ शिकायतें भी आलाकमान तक पहुंची हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले इन पर भी गाज गिर सकती है।
– प्रदेश संगठन की टीम पर भी सवाल
मौजूदा प्रदेशस्तरीय टीम के कुछ सदस्यों की निष्क्रियता और विवादित शैली को लेकर भी केंद्रीय संगठन गंभीर है। इसमें एक पदाधिकारी के कथित ऑडियो से हुए विवाद और उसकी लगातार चल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। इसके साथ ही कुछ ऐसे प्रदेश पदाधिकारी भी है, जो अपना चुनाव ही हार गए हैं। संगठन लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश पदाधिकारियों में कुछ युवा चेहरे ला सकता है।
– संभागीय संगठन मंत्रियों को भी हटाया जाएगा
भाजपा हाईकमान ने प्रदेश संगठन मंत्रियों का भी रेकॉर्ड तलब किया है। पार्टी ने अरविंद मेनन को हटाकर उनकी जगह प्रांत प्रचारक रहे सुहास भगत को संगठन महामंत्री बनाया था। भगत ने आते ही सह-संगठन महामंत्री के पद पर अतुल राय की नियुक्ति की थी, लेकिन प्रदेश संगठन मंत्रियों को यथावत रखा गया। इनमें इंदौर संभाग से जयपाल चावड़ा, उज्जैन संभाग से प्रदीप जोशी, भोपाल-सागर संभाग से आशुतोष तिवारी, ग्वालियर-चंबल से शैलेन्द्र बरुआ, नर्मदापुरम संभाग से श्याम महाजन, शहडोल-रीवा संभाग से जितेन्द्र लिटौरिया और महाकौशल से केशव भदौरिया शामिल हैं। इनके क्षेत्र में पार्टी की हार और इनकी भूमिका को लेकर मंथन हो रहा है। ऐसे में इनमें से कुछ संगठन मंत्रियों की छुट्टी होना तय माना जा रहा है।
– चार को प्रदेश कार्यालय में बड़ी बैठक
लोकसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी नियुक्त किए गए सतीश उपाध्याय चार जनवरी को भोपाल पहुंच रहे हैं। उनके साथ ही राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह भी इसी दिन भोपाल पहुंच सकते है। हालांकि, अभी यादव और स्वतंत्र देव का कोई कार्यक्रम प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचा है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रारंभिक रणनीति बन सकती है। वहीं, विधायक दल की बैठक भी पार्टी सत्र शुरू होने के पहले किसी दिन रख सकती है।