ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में यूएमएस (यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम) की सोमवार से परीक्षाओं में विधिवत शुरुआत हो गई। पहले दिन जीवाजी विश्वविद्यालय अध्ययन शालाओं(एसओएस) परीक्षाओं में छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस (उपस्थिति) भरी गई। इस सिस्टम के लागू होने के साथ ही अब परीक्षा के बाद छात्र की उपस्थिति-अनुपस्थिति को लेकर खड़े होने वाले विवाद खत्म हो जाएंगे। सिस्टम में अनुपस्थित छात्र की उत्तरपुस्तिका का भी मूल्यांकन नहीं होगा।
जीवाजी विश्वविद्यालय में एसएसएस में संचालित पाठ्यक्रम एमए, एमएससी, एमकॉम, एमबीए, बीलिव सहित अन्य परीक्षाएं सोमवार को दोपहर 2 से 5 बजे की पाली में शुरू हुईं। इन परीक्षाओं के पहले ही दिन यूएमएस के ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम को लागू किया गया।
ऐसे काम करेगा सिस्टम
परीक्षा केन्द्र पर केन्द्राध्यक्ष के नाम की एक यूजर लॉगिन बनेगी। पासवर्ड डालने के बाद केन्द्राध्यक्ष जैसे ही कक्षा का चयन करेगा,उन सभी छात्रों के नाम आ जाएंगे, जो परीक्षा में शामिल होने थे। इसके बाद उन छात्रों के नाम के आगे अनुपस्थित को राइट मार्क कर दिया जाएगा, जो आए नहीं है। यूएफएम केस होने पर रोल नंबर के सामने यूएफएम को राइट मार्क (सही का निशान)कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर ऑनलाइन ही पूरा डाटा परीक्षा की प्रोसेसिंग करने वाली फर्म के पास चला जाएगा। मूल्यांकन के समय भी यही डाटा जाएगा।
नए सिस्टम से रुकेगा फर्जीवाड़ा
जेयू में अब तक एक बड़ी समस्या उपस्थिति-अनुपस्थिति की है। परीक्षा के महीनों, कई बार तो सालों बाद बाद कई छात्र केन्द्राध्यक्ष से लिखवा लाते हैं कि उसने परीक्षा दी थी। उपस्थिति का रिकार्ड आने पर कॉपियों की खोजबीन होती है। नहीं मिलने पर औसत मार्क देने की लिए नोटशीट चलती है। विवाद की स्थिति बनती है। अब ये सब नहीं हो सकेगा।
हम कक्षाओं में ही जाकर कर लेंगे काम
इस सिस्टम में काम करने का पहला दिन था। डाटा भरने में समय जरूर लगा। आगे से हम मोबाइल लेकर ही कक्षा में जाएंगे। वहीं उपस्थिति-अनुपस्थिति की पड़ताल कर परीक्षा कक्ष में ही उपस्थिति को ऑनलाइन अपडेट कर देंगे। पहले दिन 757 में से 741 विद्यार्थी आए।
सुशील मंडेरिया, केन्द्राध्यक्ष, परीक्षा भवन, जीविवि ग्वालियर
