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यह तो सभी जानते हैं कि कमलनाथ और सिंधिया में बिल्कुल पट क्यो नही रही है।

यह तो सभी जानते हैं कि कमलनाथ और सिंधिया में बिल्कुल पट नहीं रही है। सिंधिया खुद मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। अब उनकी ख्वाहिश अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की है लेकिन कमलनाथ वह भी नहीं चाहते।

नई दिल्ली
मध्य प्रदेश की राजनीति इस वक्त गड़बड़ाई हुई है। चर्चा में हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया। चर्चा अहम इस वजह से है कि पिछले दिनों जब वह भिंड के दौरे पर गए हुए थे तो वहां उनके स्वागत में एक बीजेपी नेता ने होर्डिंग्स लगवाईं। उन होर्डिंग्स पर सिंधिया सहित मोदी और शाह की भी फोटो है। बस यहीं से सवाल शुरू हो गया कि क्या बीजेपी उनके लिए दरवाजे खोल रही है? सिंधिया इस वक्त बीजेपी के बजाय अपनी ही सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। संयोग से वह जो मुद्दे उठा रहे हैं, बीजेपी भी उन्हीं पर कमलनाथ सरकार को घेर रही है। जैसे, पिछले दिनों सिंधिया ने आरोप लगाया कि राज्य में किसानों की कर्ज माफी का जो वादा सरकार बनने के बाद अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके बाद तो बीजेपी को नई ताकत मिल गई। यह तो सभी जानते हैं कि कमलनाथ और सिंधिया में बिल्कुल पट नहीं रही है। सिंधिया खुद मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। अब उनकी ख्वाहिश अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की है लेकिन कमलनाथ वह भी नहीं चाहते। उन्हें मालूम है कि उसके बाद उनकी मुश्किल और बढ़ जाएगी। सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद कमलनाथ जैसे तमाम पुराने नेता कहीं ज्यादा ताकतवर हुए हैं। सिंधिया की जो बैचेनी है, वह इसी वजह से है कि वे अब राहुल की टीम का हिस्सा माने जाते हैं। बीजेपी की मध्य प्रदेश यूनिट ने सिंधिया के खिलाफ ‘अघोषित युद्ध विराम’ घोषित कर दिया है। उसका हमला अब सिर्फ और सिर्फ कमलनाथ पर हो रहा है। बीजेपी की इस रणनीति का भी कमलनाथ ‘सोनिया दरबार’ से पूरा फायदा उठाने की कोशिश में हैं।

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