तेलंगाना में महिला पशु चिकित्सक के साथ आरोपियों द्वारा हैवानियत की हद पार करने का खुलासा हुआ है। पुलिस की रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक, चारों आरोपियों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म के लिए साजिश रची। साथ ही पीड़िता के शोर मचाने पर आरोपियों ने चुप कराने के लिए उसके मुंह में जबरदस्ती शराब डाल दी।
20 से 26 वर्ष के चारों आरोपियों ने रिमांड रिपोर्ट में बताया कि बुधवार 6.15 बजे जब पीड़िता ने स्कूटी पार्क की तो सभी आरोपी उसे देख रहे थे। इसके बाद पीड़िता टैक्सी से त्वचा विशेषज्ञ से मिलने गई। इस दौरान चारों आरोपियों मोहम्मद आरिफ, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंताकुंता केशावुलु जो पेशे से ड्राइवर और खलासी हैं ने स्कूटी के एक टायर से हवा निकाल दी। इसके बाद चारों ने पीड़िता पर हमला करने से पहले शराब पी।
जब पीड़िता 9:15 बजे वापस लौटी तो चारों मदद के बहाने उसके पास पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने पीड़िता को फोन पर बात करते हुए देखा। इसके बाद उनमें से तीन पीड़िता को टोल गेट के पास एक झाड़ी में ले गए और उसका फोन बंद कर दिया। इस दौरान जब महिला ने शोर मचाने की कोशिश की तो आरोपियों ने चुप कराने के लिए उसके मुंह में शराब डाल दी।
घटनास्थल से 27 किलोमीटर दूर शव को जलाया
इसके बाद चारों आरोपियों ने उसके साथ तब तक दुष्कर्म किया जबतक कि वह बेहोश नहीं हो गई। जब वह फिर से होश में आने लगी एक आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने उसके शव को एक कंबल में लपेटा और ट्रक से 27 किलोमीटर दूर ले गए। इसके बाद तड़के 2:30 बजे एक पुल के नीचे शव पर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी।
बिना लाइसेंस दो साल से ट्रक चला रहा था एक आरोपी
रिमांड रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आरोपियों में से एक जो ट्रक ड्राइवर था उसके पास पिछले दो साल से लाइसेंस नहीं था। उसके ट्रक को अधिकारियों ने एक दिन पहले ही रोक दिया था क्योंकि उसके पास वैध कागजात नहीं थे। लेकिन ट्रक को जब्त नहीं किया गया क्योंकि उसने वाहन चालू करने वाले केबल को हटा दिया था।
मेकैनिक और सीसीटीवी से सुलझी गुत्थी
पुलिस को टायर मेकैनिक और सीसीटीवी के चलते महज 48 घंटे के अंदर मामले की गुत्थी सुलझाने में सफलता हाथ लगी। इस मामले पहला सुराग एक टायर मेकैनिक से मिला। दरअसल, पीड़िता की बहन ने पुलिस को बताया था कि उनकी गाड़ी खराब हो गई थी और तब मदद करने के लिए कुछ अनजान लोग आए थे। पुलिस को एक मेकैनिक ने बताया कि कोई पंक्चर टायर में हवा भरवाने के लिए लाल रंग की स्कूटी लाया था। इसके बाद रास्ते के सीसीटीवी खंगाले गए। जांच करने पर दो आरोपी स्कूटी के साथ दिखे। दूसरे फुटेज में एक ट्रक काफी वक्त तक सड़क पर खड़ा दिखा, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिख सका। पुलिस ने जब पीछे करके फुटेज देखा तो पाया कि ट्रक को घटना से छह से सात घंटे पहले लाकर वहां खड़ा कर दिया गया था। जिससे उसके मालिक श्रीनिवास रेड्डी से संपर्क किया गया। उसने सीसीटीवी में स्कूटर के साथ दिखे शख्स को तो नहीं पहचान सका, लेकिन बताया कि ट्रक आरिफ के पास था।
वारदात से पहले पी शराब
पुलिस की दूसरी टीमें यह ढूंढने में जुटी थीं कि किस पेट्रोल पंप से पेट्रोल और डीजल लाया गया था। फिर पुलिस को कोठुर के एक पेट्रोल पंप में लगे सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बोतल में पेट्रोल लेते दिखे। फुटेज में वही आरोपी था जो टायर मेकैनिक के पास गया था। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने शाम से शराब पीनी शुरू कर दी थी। मोबाइल फोन टावर की लोकेशन और ट्रक मालिक से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पहले आरिफ और फिर बाकी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के मामले में तीन पुलिसकर्मी निलंबित
पशु चिकित्सक के लापता होने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने बताया कि परिवार द्वारा पुलिस पर लगाए आरोपों की जांच करने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। परिवार ने अपनी शिकायत में कहा था कि पुलिस ने न्यायिक कारणों का हवाला देते हुए महिला के लापता होने पर समय रहते कार्रवाई नहीं की थी। उन्होंने बताया कि संपूर्ण जांच की गई, जिसके बाद उप-निरीक्षक और दो कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया। पुलिस आयुक्त ने बताया कि सभी पुलिस अधिकारियों को एक बार फिर निर्देश दिया गया है कि संज्ञेय अपराध से संबंधित शिकायत पुलिस थाने में आने पर तुरन्त मामला दर्ज किया जाए, भले ही मामला उनके क्षेत्राधिकार का हो या नहीं।