Breaking News

Citizenship Amendment Bill : MP के CM कमलनाथ का संकेत, राज्‍य में लागू नहीं होगा नया नागरिकता कानून

कमलनाथ ने कहा, कानून को लेकर कांग्रेस का जो रुख है, वही रुख मध्य प्रदेश सरकार का भी है।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को स्पष्ट संकेत दिया कि नया नागरिकता कानून प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। साथ ही आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश में आर्थिक सुस्ती से ध्यान हटाने के लिए विभाजनकारी और ‘भटकाने की राजनीति” कर रही है। इंडियन वुमेन प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए नाथ ने कहा कि वह मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में देश के युवाओं के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बंगाल और केरल की तरह मध्य प्रदेश भी नागरिकता संशोधन कानून को खारिज करेगा, मुख्यमंत्री ने कहा- ‘हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जो विभाजनकारी हो। समाज को बांटने वाले किसी भी कानून को लेकर कांग्रेस का जो रुख है, वही रुख मध्य प्रदेश सरकार का भी है।

पहले मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए थी

उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल (कैब) पेश करने से पहले उचित प्रोटोकॉल तो यह था कि केंद्र को मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए थी ताकि इस मसले पर उनकी आपत्तियों का समाधान किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि ध्यान भटकाना सबसे खराब राजनीति है। आर्थिक सुस्ती के बीच लोगों का ध्यान बंटाने के लिए हर बार एक बिल लाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में बदलाव स्वाभाविक रूप नहीं बल्कि बनावटी तरीके से लाए जा रहे हैं। सरकार समाज में ऐसे मूल्यों को बढ़ावा दे रही है, जो भारत की प्रकृति नहीं है।

सरकार की स्थिरता पर बोले- कर्नाटक नहीं है मप्र

अपनी सरकार की स्थिरता के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा- ‘मध्य प्रदेश कर्नाटक नहीं है। कर्नाटक से पहले उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त की चाल चली थी लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस में किसी प्रकार के मतभेद की बातों से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है।

कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा कि सोनिया गांधी जब कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त हुईं तभी यह बिल्कुल स्पष्ट था कि स्वास्थ्य कारणों से वह ‘अस्थाई” प्रमुख है। राज्य में विपक्ष की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों में समन्वय नहीं है लेकिन अगले कुछ महीनों में उन्हें एक साझा रणनीति बनानी होगी।

‘नागरिकता कानून लागू करने से इनकार नहीं कर सकते राज्य”

इस बीच, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन कानून, 2019 लागू करने से इनकार करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत केंद्रीय सूची के तहत लाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सातवीं अनुसूची के तहत केंद्रीय सूची में 97 आइटम शामिल हैं। इनमें रक्षा, विदेश, रेलवे और नागरिकता जैसे आइटम शामिल हैं।

ये पांच राज्य कर चुके हैं इनकार

मालूम हो कि बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने नए कानून को ‘असंवैधानिक” करार देते हुए कहा है कि वे इसे अपने राज्यों में लागू नहीं करेंगे।

क्या है नया नागरिकता कानून

मालूम हो कि नागरिकता संशोधन बिल (कैब) के सोमवार को लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा ने भी उसे बुधवार को पारित कर दिया। गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे मंजूरी भी दे दी है। इस नए कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत इन तीनों देशों से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई समुदाय के लोगों को अब भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। नए कानून के मुताबिक, भारत में पांच साल से रहने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इसके पहले 11 साल तक देश में रहने वाले शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलती थी। नए कानून के तहत नागरिकता पाने वाले शरणार्थियों को अवैध प्रवासी होने के मुकदमों से भी मुक्ति मिल जाएगी।

Check Also

MP News: कर्मचारियों को 3% डीए में बढ़ोतरी! 4 माह का एरियर भी देने की तैयारी, जल्द हो सकती है घोषणा

🔊 Listen to this मध्यप्रदेश सरकार अपने 7.5 लाख कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने जा …