भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ वल्लभ भवन पांचवी मंजिल से नीचे उतरकर आएंगे नहीं, और पूरी कांग्रेस को सड़क पर ले आएंगे. अकेले सिंधिया नहीं, पूरी कांग्रेस को सड़क पर ले जाएंगे.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच चल रहे बयानबाजी के दौर पर भाजपा ने कटाक्ष किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कटाक्ष किया है कि वे अकेले सिंधिया नहीं, पूरी कांग्रेस को सड़क पर ले आएंगे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने के बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान दिया था, जिसके बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया. भाजपा नेताओं ने जहां सिंधिया को चुनौती दी कि वे सड़क पर उतरें, वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी घेरा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ वल्लभ भवन पांचवी मंजिल से नीचे उतरकर आएंगे नहीं, और पूरी कांग्रेस को सड़क पर ले आएंगे. अकेले सिंधिया नहीं, पूरी कांग्रेस को सड़क पर ले जाएंगे.
वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया शायद मुख्यमंत्री कमलनाथ को धमकाकर ब्लेकमेल करना चाह रहे हैं. 14 महीनों में सिंधिया एक बार भी सड़कों पर नहीं उतरे. अगर उन्हें जनता के हितों की चिंता होती तो वे एक बार तो जरूर जनता के लिए सड़कों पर उतरते.
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस संगठन न होकर गुटों का कुनबा है. अलग-अलग क्षत्रपों में बंटी कांग्रेस के कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता के बजाए नेताओं को संतुष्ट करने में लगे है और यही कारण है कि पिछले 14 महीनों में प्रदेश सरकार जनहित के बजाए कांग्रेस नेताओं को साधने और संतुष्ट करने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया क्षत्रपों से घिरे हुए हैं और वे अपने राजनैतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर उन्हें अपना अस्तित्व बचाना है तो वास्तव में उन्हें सड़कों पर उतरना होगा.
सिंधिया स्वीकार करें कमलनाथ का चैलेंज
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि प्रदेश की राजनीति के लिए आज ये अपने आप में सबसे खराब क्षण है. जिस तरह से मारकाट की बातें की जा रही है, तलवारें निकालने की बातें की जा रही है और कहा जा रहा है कि सड़क पर उतरना है तो उतर जाओ.
उन्होंने कहा कि ये जो शह और मात का खेल चल रहा है, अब इसे हर हाल में आगे बढ़ना चाहिए और जिस तरह से ये मामला हो रहा है उसमें कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक चैलेंज दिया है और यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया में मराठा राजवंश का खून दौड़ता है तो इस चैलेंज को उन्हें तत्काल स्वीकार करना चाहिए.